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कोलकाता, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की पीठ ने जेल में बंदियों की मौत के मामले में नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में पुलिस और सीआईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
करीब दो साल पहले बारुईपुर जेल में सात दिनों के भीतर चार बंदियों की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी, और कई रिपोर्ट अदालत में जमा की गई थीं। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीआईडी और पुलिस से कई सवाल पूछे और जांच में पाई गई विभिन्न विसंगतियों को लेकर गंभीर आपत्ति जताई।
अदालत में मजिस्ट्रेट, पुलिस और सीआईडी की ओर से बताया गया कि बंदियों की मौत ड्रग विदड्रॉल सिंड्रोम की वजह से हुई। उनके अनुसार, इस कारण बंदियों के बीच मारपीट हुई, जिसमें घायल होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने दावा किया कि इसमें कोई असामान्य मौत नहीं हुई।
हालांकि, सुनवाई के दौरान जजों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि मृतकों के शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं।
इसके बाद अदालत ने अब तक पेश किए गए सभी जांच रिपोर्टों को अस्वीकार करते हुए सीआईडी को नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीआईडी के डीआईजी को आदेश दिया कि इस मामले की जांच किसी निष्पक्ष अधिकारी से कराई जाए और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए। साथ ही, इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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