
देहरादून, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । राज्य में आजीविका से जुड़ी योजनाओं से महिलाओं की आय में कितनी वृद्धि हुई है? मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से प्रश्न के साथ रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को आजीविका से जुड़ी सभी योजनाओं की आउटपुट मॉनिटरिंग करने के साथ ही इस संबंध में नियमित डेटा जुटाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) के तहत उधमसिंहनगर में 12, उत्तरकाशी में 14, चमोली में 12, चंपावत में 24 और पिथौरागढ़ में 21 योजनाओं को राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में अनुमोदन दिया। इन योजनाओं में अधिकतर पैकेजिंग मशीन यूनिट स्थापना, हैेडलूम प्रशिक्षण, मिनी स्पाइस मिल, कीवी, मशरूम कलस्टर विकास, पौध नर्सरी निर्माण, पुष्प उत्पादन, स्थानीय उत्पादों के उत्पादन, डेयरी यूनिट स्थापित करने से संबंधित योजनाएं शामिल थी।
इसके साथ ही मुख्य सचिव मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत अल्मोड़ा के लिए 10, उधमसिंहनगर के लिए 2, उत्तरकाशी 4, चमोली 3, चंपावत 29, टिहरी 16, देहरादून-नैनीताल 6-6, पिथौरागढ़ 4, पौड़ी 16, बागेश्वर 13 और रुद्रप्रयाग के लिए 8 योजनाओं को अनुमोदित किया। बैठक में सचिव राधिका झा, चन्द्रेश कुमार, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी सहित ग्राम्य विकास, शिक्षा, सहकारिता, पर्यटन व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
