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– कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक से मांगा जवाब
बिलासपुर, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आज गुरुवार को आंगनबाड़ियों में विशेष बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं दिए जाने को स्वत संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई की है।
इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही है छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नरों ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। जिसमें आंगनवाड़ी में बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिलने सहित बिजली तक की व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी है।
कोर्ट कमिश्नर अमीय कांत तिवारी की रिपोर्ट में बालोद जिले के डोंड़ी 01 डोंड़ी 02 और गुण्डरदेही आंगनवाड़ी की बदहाल स्थिति की जानकारी दी है। डोंड़ी 01 में बिजली की सुविधा नहीं है और जिसका बिल भी आ रहा है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई है। कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया है, जिसके अनुसार दाल (मिक्स दाल) जो 90 रुपये प्रति किलोग्राम खरीद जा रही है, जिसका मूल्य वर्तमान बाजार मूल्य की तुलना में बहुत कम प्रतीत होता है। इस संबंध में कोर्ट के पूछे जाने पर राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने बताया कि पोषण के लिए केंद्र सरकार को 22 जून 2023 और 5 नवंबर 2024 को पत्र लिखा गया है। सुनाई के दौरान इस मामले में कोर्ट कमिश्नर ने ध्यान आकर्षित कराया की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 25 जनवरी 2023 को पोषण आहार की मात्रा को संशोधित और बढ़ाया है। इसके बाद कोर्ट ने इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक को निर्देशित किया है।
वहीं भिलाई चरोदा के आंगनबाड़ी केंद्र के कुछ भवन को लेकर हुई सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से मौजूद अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने दलील दी है कि भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग कोड के अनुसार रेलवे क्षेत्र में स्थित भूमि पर आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार अनुरोध करती है तो भूमि हस्तांतरित की जा सकती है, जिसको लेकर के रेलवे के अधिकारियों से बैठक कर कोर्ट कमिश्नरों को जानकारी दी गई है। इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने इसके लिए एडवोकेट अमिय कांत तिवारी , सिध्दार्थ दुबे, आशीष बेक, ईशान वर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। कोर्ट कमिश्नरों ने बालोद, दुर्ग सहित अन्य जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है। मुख्य न्यायाधीश ने रमेश कुमार सिन्हा ने संबंधित विभाग के संचालक को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के 25 जनवरी 2023 को जारी नोटिफिकेशन को लेकर क्या कदम उठाए है, इसको लेकर व्यक्तिगत रूप से नया शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं। इस पूरे मामले में 5 मार्च 2025 को अगली सुनवाई रखी गई है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
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