
शिवपुरी, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । शिवपुरी जिले में नवीन परिसीमन के अंतर्गत जिला, अनुभाग, तहसील, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों की सीमाओं में होने वाले परिवर्तन के संबंध में सुझाव के लिए गुरुवार को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई इस बैठक में करैरा विधानसभा क्षेत्र के दिनारा को दतिया जिले में मिलाने के प्रस्ताव पर करैरा विधायक ने इस पर असहमति दी।
उन्होंने इस पर अपनी अहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से मैं सहमत नहीं हूं। करैरा विधायक रमेश खटीक ने दतिया में शामिल कुछ गांवों को करेरा में शामिल किया जाना है उनके बारे में भी अपना पक्ष रखा। गौरतलब है कि दिनारा जो करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है उसकी दतिया से दूरी मात्र 25 किलोमीटर है जबकि उप्र के झांसी से भी इतनी ही दूरी है जबकि जिला मुख्यालय शिवपुरी से 75 किमी की दूरी है।
इस बैठक में शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, करैरा विधायक रमेश खटीक, पोहरी विधायक कैलाश कुशवाहा, नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रशासनिक दृष्टिकोण से परिसीमन को लेकर बैठक में चर्चा हुई, जिससे आमजन को सुविधा हो। प्रशासनिक कामकाज को लेकर संबंधित पंचायत या निकाय को प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से परिसीमन किया जा सके। जिसमें जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त हुए।
शिवपुरी विधायक ने बघरवारा और अमरपुर देवड़ा ग्राम पंचायत जो खनियाधाना में है इन्हें पिछोर में शामिल किए जाने का सुझाव दिया। इसके अलावा बामोरकला के चंदेरी में दिए जाने पर असहमति दी गई। बामोरकला शिवपुरी का अभिन्न अंग है, जिसे शिवपुरी में ही रहना चाहिए।
जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से कोलारस में ग्राम पारागढ़ जो गोरा पंचायत से 10 किलोमीटर दूर है, जिसे समीप की डोंगरपुर पंचायत में जोड़ने का प्रस्ताव दिया। ग्राम पंचायत सुनाज एवं टीलाकला, जो कि वर्तमान में बदरवास में शामिल है, उसे कोलारस में जोड़ने का सुझाव आया। इसके अलावा ग्राम पंचायत बड़ी गुरुवार जनपद पंचायत ईसागढ़, जिला अशोकनगर में है,उसे बदरवास में जोड़ने का सुझाव दिया गया। जनप्रतिनिधि आगे भी अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा यदि आमजन भी इस परिसीमन को लेकर सुझाव देना चाहे, तो वह 8 फरवरी तक योजना सांख्यिकी विभाग के कार्यालय में लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता
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