
-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आयोजित किया जागरुकता कार्यक्रम
गुरुग्राम, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए चलाए अभियान के अंतर्गत गांव चौमा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने शक्ति वाहिनी संस्था के सहयोग से एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें एक हजार से अधिक नागरिक उपस्थित रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम रमेशचंद्र ने बताया कि इस कार्यक्रम में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को बाल विवाह की हानि और इससे बचाव के उपायों के बारे में बताया गया।
शक्ति वाहिनी संस्था की कार्यकर्ता मंजू बिष्ट व आंगनबाड़ी वर्कर बबीता ने बाल विवाह से होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह प्रथा बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके समग्र विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। बाल विवाह प्रथम दृष्टया कानूनी अपराध है। इस दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कानूनों की जानकारी भी दी गई, ताकि लोग बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने के लिए आगे आएं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने बाल विवाह उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। समाज में जागरुकता फैलाने का संकल्प लिया।
(Udaipur Kiran)
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