Bihar

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत दो बच्चों को ईलाज के लिए भेजा गया आईजीआईसी पटना 

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत दो बच्चों को इको टेस्ट के लिए भेजा गया आईजीआईसी पटना

किशनगंज,30जनवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जिले के जरूरतमंद और गंभीर हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में गुरुवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित मरीज नदीम को डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया के लिए और जाकिया सुल्ताना को इको टेस्ट के लिए सदर अस्पताल से इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना के लिए रवाना किया गया। गौर करे कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क इलाज प्रदान किया जाता है। इसमें न केवल ऑपरेशन और जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, बल्कि मरीज और उनके एक अभिभावक के लिए रहने, खाने और आने-जाने की भी पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है।

जिलाधिकारी विशाल राज ने जिलेवासियों से अपील की है कि वें अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें। यदि किसी भी बच्चे में जन्मजात हृदय रोग या अन्य गंभीर समस्या के लक्षण दिखते हैं, तो वे तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर हम अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज करवाया जा रहा है। अब तक 60 से अधिक बच्चों की सफल सर्जरी हो चुकी है। हमारा प्रयास है कि जिले में किसी भी बच्चे को आर्थिक तंगी की वजह से इलाज से वंचित न रहना पड़े। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0-18 वर्ष तक के बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए लगातार स्क्रीनिंग की जाती है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। यह समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे अपने आसपास के जरूरतमंदों को इस योजना की जानकारी दें, ताकि कोई भी बच्चा सिर्फ पैसों की कमी के कारण इलाज से वंचित न रहे।

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाकर न केवल बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकती है, बल्कि उनके परिवारों की परेशानियों को भी कम किया जा सकता है। सभी अभिभावकों से अपील है कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें और किसी भी गंभीर बीमारी की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह

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