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महाकुम्भ : भगदड़ हादसे की जांच करेगा न्यायिक आयोग, मृतकों को मिलेगा 25-25 लाख का मुआवजा

हादसे की जानकारी देते उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

महाकुम्भ नगर, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर संगम नोज पर हुए हादसे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। पुलिस भी हादसे की जांच करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक गुरुवार को घटना स्थल का दौरा करेंगे। प्रदेश सरकार मृतकों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी।

गौरतलब है कि मंगलवार की रात को संगम नोज पर हुई भगदड़ में 90 श्रद्धालु घायल हो गए, जिसमें से 30 की मौत हो गई।

महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “घटना अत्यंत दुखद है, मृतकों के प्रति मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस घटना की पूरी जांच करवा करके हम इसकी तह में जाएंगे। इसके अलावा पुलिस के स्तर पर भी हम लोग इसकी अलग से जांच करवाएंगे कि ये घटना किन कारणों की वजह से हुई है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। न्यायिक आयोग इस पूरे मामले को देखकर एक समय सीमा के अंदर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।“ इस घटना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए।

इस हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार को बनाया गया है। पूर्व डीजीपी वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस बी.के. सिंह आयोग के सदस्य हैं। न्यायिक आयोग इस पूरे मामले को देखकर एक समय सीमा के अंदर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।

बुधवार को मेला अधिकारी विजय किरन आनन्द एवं डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेडस टूटने से यह हादसा हुआ। जमीन में लेटे हुए श्रद्धालु दौड़ते श्रद्धालुओं के कदमों तले कुचले गए। उन्होंने बताया कि हादसे में 90 श्रद्धालु घायल हुए। जिसमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है। शेष पांच की पहचान के प्रयास जारी हैं। 24 घायलों को घर भेज दिया गया है। 36 घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में जारी है।

मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने बताया कि आज कोई वीवीआइपी या वीआईपी प्रोटोकाल नहीं था। आज किसी प्रकार के वीआईपी वाहन का प्रवेश नहीं था। उन्होंने बताया कि आगे भी अमृत स्नान के पर्व पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। मेलाधिकारी ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। मेला प्रशासन ने मृतकों व घायलों की जानकारी के लिये हेल्प लाइन नम्बर 1920 जारी किया।

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(Udaipur Kiran) / Dr. Ashish Vashisht

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