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ममता बनर्जी ने कांग्रेस को ठहराया भाजपा की जीत का ज़िम्मेदार, नई किताब में किया खुलासा

कांग्रेस की रणनीति पर उठाए सवाल, कहा- कांग्रेस खुद को एक मज़बूत विपक्षी ताकत के रूप में स्थापित करने में रही असफल

कोलकाता, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी नई किताब में 2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि कांग्रेस की गलतियों और विपक्षी गठबंधन इंडिया की असफलता के चलते भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी।

ममता बनर्जी की किताब ‘बंगलार निर्वाचन ओ आमरा’ (बंगाल चुनाव और हम) कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में लॉन्च की गई है। इस किताब में उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण किया और बताया कि किस तरह विपक्षी दल भाजपा को चुनौती देने में नाकाम रहे।

किताब में ममता बनर्जी ने लिखा है कि कांग्रेस की निष्क्रियता और रणनीतिक विफलता की वजह से विपक्षी गठबंधन इंडिया भाजपा को चुनौती देने में असफल रहा। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राष्ट्रीय स्तर पर सभी भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने इस प्रयास को कमजोर कर दिया।

उन्होंने किताब में लिखा है कि हमने शुरुआत से ही विपक्षी दलों को एक साथ लाने की पहल की थी। साझा न्यूनतम कार्यक्रम और साझा घोषणापत्र का प्रस्ताव रखा था। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नाम भी मेरा ही सुझाव था। हमने कांग्रेस को गठबंधन का नेतृत्व करने तक की पेशकश की थी, लेकिन उनमें एकता की कमी थी। उल्टा गठबंधन के दल आपस में ही लड़ते रहे, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जो सीटें मिली थीं, वे उसकी अपनी ताकत के कारण नहीं, बल्कि सहयोगी दलों के समर्थन के कारण ही मिल पाई थीं। उन्होंने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह खुद को एक मज़बूत विपक्षी ताकत के रूप में स्थापित करने में असफल रही।

कांग्रेस पर वामपंथियों से सांठगांठ का आरोप ममता बनर्जी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने बंगाल की राजनीति के बारे में लिखा है कि कांग्रेस और वामपंथी मोर्चे (सीपीएम-नीत वाम दलों) पर भाजपा के साथ गुप्त सांठगांठ भी की।बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चे ने भाजपा के साथ अंदरखाने समझौता किया था, जिससे भाजपा को चुनावी लाभ मिला। तृणमूल कांग्रेस की जीत जनता के समर्थन का परिणाम है। टीएमसी सरकार की विकास योजनाओं की वजह से जनता ने पार्टी को फिर से भारी समर्थन दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में 22 से बढ़कर 29 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले कमजोर हुआ। भाजपा की सीटें 2019 में 18 थीं, जो 2024 में घटकर 12 रह गईं। कांग्रेस और वाम दलों को पश्चिम बंगाल में करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली, जबकि वाम मोर्चा पूरी तरह शून्य पर सिमट गया। उन्होंने इस हार के लिए विपक्षी दलों की आपसी फूट और कमजोर चुनावी रणनीति को जिम्मेदार ठहराया।ममता बनर्जी ने अपनी किताब में देश की मौजूदा राजनीति को अस्थिर और बिखरा हुआ बताया है। कहा है कि अगर विपक्ष को भाजपा को हराना है तो उसे एकजुट होकर सही रणनीति बनानी होगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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