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सौरभ शर्मा 41 दिन बाद गिरफ्तार, कोर्ट ने लोकायुक्त को सात दिन की रिमांड पर सौंपा

गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त की हिरासत में सौरभ शर्मा

– सौरभ का सहयोगी चेतन और पार्टनर शरद भी हिरासत में

भोपाल, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में पिछले 41 दिनों से परिवहन विभाग की काली कमाई का प्रतीक बने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया से साझा की। उन्होंने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया।

दरअसल, परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त ने छापा मारा था। इस दौरान करोड़ों रुपये नगद और सोना-चांदी बरामद किए थे। तभी से वह फरार चल रहा था। एक दिन पहले सोमवार को वह अपने वकील के साथ भोपाल जिला न्यायालय पहुंचा था, जहां उसने आत्मसमर्पण के लिए के विशेष न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत होकर सरेंडर के लिए आवेदन दिया था, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी।

सौरभ शर्मा को मंगलवार को कोर्ट पहुंचने से पहले ही लोकायुक्त पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उससे पांच घंटे पूछताछ की। इसके बाद सहयोगी चेतन सिंह गौर को भी हिरासत में ले लिया। शाम को लोकायुक्त की टीम ने दोनों को विशेष न्यायालय में पेश किया और पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की। अदालत ने दोनों को सात दिन की (4 फरवरी) रिमांड पर लोकायुक्त को सौंप दिया है। इधर, सौरभ का पार्टनर शरद जायसवाल भी मंगलवार दोपहर अपने वकील के साथ लोकायुक्त ऑफिस में बयान दर्ज कराने पहुंचा। बयान दर्ज करने के बाद शरद को भी हिरासत में ले लिया गया है और उससे भी पूछताछ की जा रही है।

लोकायुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने सौरभ की गिरफ्तारी की पुष्टि करकते हुए बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के साथ उसके साझेदार चेतन गौर को भी न्यायालय में पेश किया और रिमांड की मांग की। न्यायालय ने चार फरवरी तक के लिए दोनों की रिमांड मंजूर की है। वहीं, गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गई है। दोनों ही एजेंसियों ने उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के अरेरा कालोनी स्थित घर पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान उसके करीबी चेतन गौर की कार रातीबड़ थाना क्षेत्र के ग्राम मैंडोरा में खड़ी मिली थी। टीम ने कार से 11 करोड़ रुपये की नकदी और 52 किलोग्राम सोना समेत अन्य प्रापर्टी के दस्तावेज बरामए किए थे। इसके बाद सौरभ शर्मा के यहां नौ दिन में ईडी और आयकर विभाग ने भी छापे मारे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। उसी समय से सौरभ फरार चल रहा था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में चार करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ईडी ने ली थी। उस पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने प्रकरण दर्ज कर रखा है।

बताया जा रहा है कि सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी दिव्या लोकायुक्त छापे के चार दिन बाद यानी 23 दिसंबर को ही दुबई से लौट चुके थे। तीन-तीन जांच एजेंसियों के लिए मोस्ट वांटेड होने के बावजूद सौरभ दिल्ली एयरपोर्ट पर आया। इसके बाद वह पत्नी के साथ हरिद्वार, ऋषिकेश और अमृतसर में घूमता रहा। इस दौरान वह पत्नी के साथ वैष्णोदेवी भी गया था। ये पूरी यात्रा सौरभ ने सड़क के रास्ते की। इतना ही नहीं, जब लोकायुक्त कोर्ट में उसे दुबई में होना बता रही थी, तब वह दिल्ली के आसपास ही था। हफ्ते भर से सौरभ ग्वालियर आ चुका था। यहां वह अपने घर में ही ठहरा था। इसके बाद वह सोमवार को भोपाल पहुंचा था और कोर्ट में सरेंडर के लिए आवेदन दिया था। वहीं, उसकी पत्नी भी सोमवार को ईडी के दफ्तर पहुंची थी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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