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‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ के विकास के आगे आएं भामाशाह : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल

'कर्मभूमि से मातृभूमि' के विकास के आगे आएं भामाशाह : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल

बीकानेर, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पानी की कमी विकास के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए वर्षा जल संग्रहण और संरक्षण कार्यों में समाज के प्रबुद्ध वर्ग और भामाशाहों को सरकार के ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान से जुड़कर सहयोग करने की आवश्यकता है।

जल शक्ति मंत्री पाटिल मंगलवार काे कलेक्ट्रेट सभागार में प्रबुद्धजन और व्यापारियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को पर्याप्त जल मिल सके, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि जल नहीं होगा तो कल नहीं होगा। पाटिल ने यह भी कहा कि अकेले सरकार सब कुछ नहीं कर सकती; इसके लिए सरकार के साथ-साथ प्रबुद्ध वर्ग और भामाशाहों को इस पवित्र कार्य में सहयोग देना होगा।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राजस्थान में शुरू किए गए अभियान के तहत अब तक देशभर में 4.5 लाख वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनाई जा चुकी हैं, जबकि दस लाख संरचनाएं बनाने का लक्ष्य है। पाटिल ने कहा कि डार्क जोन की स्थिति से निजात पाने और शहरों में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए बोरवेलों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने यह भी बताया कि रामरतन भूतड़ा द्वारा राजस्थान में 100 वाटर हार्वेस्टिंग शाफ्ट बनाने का संकल्प लिया गया है।

पाटिल ने शहर के उद्यमियों और व्यापारियों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने जिला कलेक्टर से इस अभियान का फॉलो-अप करने की बात कही और साथ ही कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनाई जाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे देश का हर गांव जल के मामले में आत्मनिर्भर होगा।

इस अवसर पर आईजी ओमप्रकाश, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, सीईओ जिला परिषद सोहनलाल, उद्यमी रामरतन भूतड़ा, दीपक अग्रवाल और बीकानेर के अन्य उद्यमी, जनप्रतिनिधि और विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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