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प्रशासन चलाने और विकास के लिए जिलों के अस्तित्व के लिए फैसला लेने का सरकार को अधिकार

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । गंगापुर सिटी और नीमकाथाना के जिले का दर्जा समाप्त करने के मामले में मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश कर याचिका को खारिज करने की गुहार की। अदालत ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिकाकर्ता को इस पर अपना प्रति-जवाब पेश करने के लिए 13 फरवरी तक का समय दिया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश विधायक रामकेश मीणा, पूर्व विधायक रमेश चन्द्र खंडेलवाल और नीमकाथाना बार एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत में जवाब पेश कर कहा कि हमने विस्तृत राय और सभी कानूनी प्रक्रियाओं को अपनाने के बाद ही जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे पहले संबंधित जिलों की भौगोलिक और अन्य सभी जरूरी परिस्थितियों का भी परीक्षण कराया गया था। महाधिवक्ता ने अदालत को कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश में सुचारू प्रशासन चलाने और विकास के लिए नए जिले बनाने या उनका अस्तित्व समाप्त करने का निर्णय लेने का अधिकार है। महाधिवक्ता की ओर यह भी कहा गया कि यह जनहित याचिका बिना किसी आधार के जल्दबाजी में राजनीतिक हितों को साधने के लिए पेश की गई है। रामकेश मीना के मामले में जनहित याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं मांगी गई। वहीं याचिका दायर करने के बाद अदालत की ओर से इस संबंध में नाराजगी जताने के बाद आरटीआई के तहत दस्तावेज मांगे गए हैं। ऐसे में जनहित याचिका को खारिज किया जाए। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से राज्य सरकार के जवाब पर अपना प्रति-जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया। ऐसे में अदालत ने याचिकाकर्ता को समय देते हुए मामले की सुनवाई 13 फरवरी तक टाल दी है।

तीनों जनहित याचिकाओं में कहा गया कि जिला अस्तित्व समाप्त करने का निर्णय राजनीति से प्रेरित है। इन्हें करीब डेढ साल पहले जिला बनाया गया था और उसके बाद यहां जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित अन्य विभाग स्थापित हो गई है। ऐसे में सरकार के इन्हें जिला निरस्त करने के आदेश को रद्द किया जाए।

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(Udaipur Kiran)

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