बांदा, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में हुए हंगामे के बाद सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल के बीच तीखी बहस का मामला तूल पकड़ चुका है। अब इस विवाद को लेकर गंभीर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
जिला पंचायत के वार्ड नंबर 8 के सदस्य भरत सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल पर तहबाजारी के नाम पर 56 करोड़ रुपए के राजस्व गबन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए।
बैठक में उठा बजट वितरण का मुद्दा
भरत सिंह ने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने जिला निधि और 15वें वित्त आयोग के बजट को सभी 30 सदस्यों के बीच समान रूप से बांटने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर पदेन सदस्य विधायक, आठ ब्लॉक प्रमुख और 20 जिला पंचायत सदस्यों ने समर्थन दिया। लेकिन जब विधायक प्रकाश द्विवेदी ने इस प्रस्ताव को बैठक की मिनट बुक में दर्ज करने की बात कही, तो अध्यक्ष सुनील पटेल ने इसका विरोध किया और बैठक समाप्त करने की घोषणा कर दी।
भरत सिंह ने कहा कि 2020-21 में तहबाजारी का टेंडर 8 करोड़ 56 लाख रुपए का था। उस समय प्रति ट्रक 200 रुपए वसूले जा रहे थे, जिसे बढ़ाकर 400 रुपए करने का प्रस्ताव किया गया। यदि यह दर बढ़ाई गई होती, तो अगले टेंडर का मूल्य 16 करोड़ रुपए होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और पिछले चार वर्षों में तहबाजारी के जरिए लगभग 56 करोड़ रुपए का गबन किया गया।
भरत सिंह ने कहा कि इस भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विकास में आने वाली बाधाएं दूर हो सकें। उन्होंने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में हुए विवाद और लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने शासन और प्रशासन में हलचल पैदा कर दी है। अब यह देखना अहम होगा कि सरकार इन आरोपों की जांच के लिए क्या कदम उठाती है।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह