जींद, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) हरियाणा के कर्मचारियों ने विभाग द्वारा प्रस्तावित जीओ-फेसिंग उपस्थिति प्रणाली को अस्वीकार करते हुए मंगलवार को रोष जताया और डिप्टी सीएमओ डा. संदीप लोहान को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र वत्स व प्रदेश कार्यालय सचिव गौरव सहगल ने बताया कि राज्यस्तरीय ऑनलाइन बैठक में यह सामने आया कि जीओ फेंसिंग प्रणाली के तहत कर्मचारियों को अपने व्यक्तिगत मोबाइल डेटा और लोकेशन जानकारी सांझा करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोपनीयता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया गया है और यह प्रक्रिया उस अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है। आज हरियाणा प्रदेश के एनएचएम कर्मचारियों में डर का माहौल है। यह वही एनएचएम कर्मचारी हैं जो कोरोना कला में प्रदेश व् देश स्तर पर अपनी अहम भूमिका दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि जीओ-फेंसिंग से निजता का उल्लंघन होगा। क्योंकि जीओ फेंसिंग प्रणाली के तहत कर्मचारियों की लोकेशन और व्यक्तिगत डेटा का उपयोग किया जाएगा। साइबर खतरों की संभावना बढ़ जाएगी। क्योंकि इस प्रणाली से डेटा चोरी, साइबर धोखाधड़ी और अन्य सुरक्षा खतरों की आशंका बढ़ जाती है। हरियाणा सरकार के अन्य किसी विभाग में यह प्रणाली लागू नहीं है।
उन्होंने एनएचएम कर्मचारियों ने पिछले कई वर्षों से लंबित वेतन वृद्धि, ग्रेच्युटीए और अन्य लाभों को लेकर भी असंतोष व्यक्त किया और मांग की कि एनएचएम कर्मचारियों ने जीओ फेंसिंग प्रणाली को लागू न करने और कर्मचारियों की अन्य मांगों पर तत्काल समाधान किया जाए। यदि विभाग ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दियाए तो एनएचएम कर्मचारी बड़े आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं। लंबित वेतन वृद्धि और ग्रेच्युटी का तत्काल भुगतान किया जाए। साइबर खतरों से बचाव के लिए वैकल्पिक उपस्थिति प्रणाली की व्यवस्था की जाए। कर्मचारियों की निजता का सम्मान करते हुए जीओ फेंसिंग प्रणाली को वापस लिया जाए। एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो इसका परिणाम बड़े आंदोलन के रूप में होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग और प्रशासन की होगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा