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– कैबिनेट बैठक ने सोशल मीडिया संबंधी के नए विधेयक को संसद में पेश करने की स्वीकृति दी
काठमांडू, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल में सोशल मीडिया पर नियंत्रण और नियमन के लिए सरकार कड़े कानून लाने जा रही है। इस नए कानून को संसद के इसी सत्र में पेश किए जाने की तैयारी है। नए कानून के तहत सोशल मीडिया पर ट्रोल करने पर पांच लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक ने सोशल मीडिया संबंधी के नए विधेयक को संसद में पेश करने की स्वीकृति दे दी है।
सूचना तथा संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने आज ही संसद के उच्च सदन में इस विधेयक को पेश करने के लिए सूचीकृत कर दिया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए इसे कानून के दायरे में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक विस्तृत कानून है, जो साइबर के जरिए होने वाले अपराध से लेकर राष्ट्रीय एकता तथा अखंडता पर प्रहार करने वालों पर लगाम लगाएगा। सोशल मीडिया संबंधी नए कानून के मुताबिक किसी भी सोशल मीडिया का प्रयोग कर किसी गलत या हानिकारक वाक्य, शब्द, अक्षर, चिह्न, चित्र, तस्वीर, स्केच, फोटो, अडियो, विडियो, श्रव्य–दृश्य, संकेत या संदेश भेजने, पोस्ट करने, शेयर करने वालों को दोषी माना जायेगा। इसी तरह सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किसी को डराने, धमकाने, लज्जित करने, अपमान करने और अफवाह फैलाने पर भी सजा का प्रावधान रखा गया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सोशल मीडिया में एआई का प्रयोग कर किसी व्यक्ति, संस्था, धर्म के खिलाफ कोई पोस्ट करने पर, डीपफेक सामग्री पोस्ट करने और शेयर करने, किसी की आवाज नकल कर उसमें डालने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान रखा गया है। नए प्रस्तावित कानून में राष्ट्र के हित प्रतिकूल कोई भी पोस्ट करने, लाइक करने और शेयर करने वालों को भी दोषी माना गया है। उन्होंने बताया कि किसी की आईडी हैक करने, उसका दुरुपयोग करने, फिशिंग या स्कैम करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सोशल मीडिया साइट्स को चलाने के लिए नेपाल सरकार से अनुमति लेनी होगी।
नेपाल के नए प्रस्तावित सोशल मीडिया कानून के तहत दोषी पाए गए आरोपित को अधिकतम तीन साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है। इनमें ट्रोल करने वालों के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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