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संभल हिंसा में कैफ और नईम की हत्या में गिरफ्तार वारिस बोला- अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की हत्या की थी साजिश

संभल हिंसा में कैफ और नईम की हत्या में गिरफ्तार आरापित वारिस

– दुबई में बैठे शारिक साटा गिरोह का सदस्य है पकड़ा गया वारिस, 23 नवंबर को हमें समझा दिया था प्लान- पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार पूछताछ में आरोपित ने कबूली सच्चाई

संभल, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में दो माह पूर्व विवादित जामा मस्जिद (हरिहरनाथ मंदिर) के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में दो युवक कैफ और नईम की हत्या के आरोपित वारिस को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपित ने पूछताछ में कबूला है कि सर्वे से एक दिन पहले हमें बताया गया था कि हिंसा भड़कने पर किस तरह से भीड़ में छिपकर पुलिस और आम लोगों पर गोली चलानी है और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की हत्या करनी है जिससे देशभर में दंगा भड़क जाए। पुलिस के अनुसार, वारिस दुबई में बैठे शारिक साटा गिरोह का सदस्य है और उसने घटना में गोली चलाकर कैफ और नईम की हत्या की थी।

संभल की विवादित जामा मस्जिद हरिहरनाथ मंदिर के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में दो युवक कैफ और नईम की हत्या के आरोप में पुलिस ने खग्गू सराय निवासी वारिस को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि वारिस दुबई में बैठे शारिक साटा गिरोह का सदस्य है। साटा के कहने पर वारिस ने बवाल में गोली चलाई थी जिससे कैफ और नईम की मौत हो गई थी। पुलिस ने वारिस के पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। फोन में मिली रिकॉर्डिंग में वह अपने साथी से कहता सुनाई दे रहा है कि सामान लेते आना। पुलिस का कहना है कि यहां सामान का मतलब तमंचा है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि वारिस शारिक साटा गिरोह का सक्रिय सदस्य है। 24 नवंबर को हुए बवाल में उसने गोली चलाई थी जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी।

पकड़े गए वारिस ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने ही नईम और कैफ की हत्या की थी। इसके अलावा पुलिस पर फायरिंग, आगजनी और तोड़फोड़ की घटना में भी शामिल था। हत्या और बवाल के आरोपित वारिस ने पुलिस को बताया कि वह घटना के बाद दिल्ली में जाकर छिप गया था। उसका साथी समीर पकड़ा गया था जिसको फोन कर तमंचा लेकर आने के लिए कहा था। उसका ऑडियो भी वायरल हो गया था। आरोपी ने बताया कि दो महीने तक दिल्ली में इधर-उधर छिपता रहा। जब मामला शांत लगा तो वह घर आ गया था। वारिस की निशानदेही पर पुलिस ने मोहल्ला कोटगर्वी से तमंचा, कारतूस और खोखा बरामद किया है।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपित वारिस ने पूछताछ में बताया है कि 23 नवंबर की रात को ही सूचना मिल गई थी कि 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद पर सर्वे किया जाना है। इस सूचना के बाद ही मुल्ला अफरोज ने तमंचा और कारतूस दिए थे। साथ ही किस तरह से भीड़ में छिपकर पुलिस और आम लोगों पर गोली चलानी है यह भी बताया था। साथ ही यह भी तय किया गया था कि बाहर से आए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की हत्या की जानी है। जिससे देश भर में दंगा भड़क जाए। इसी इरादे से भीड़ में शामिल हुए थे। जब पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे तो फायरिंग की थी। इसी दौरान कैफ और नईम घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई।

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(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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