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मेघालयः शांति वार्ता के दरवाजे हमेशा खुले नहीं रहेंगे, उप मुख्यमंत्री ने उग्रवादी संगठन एचएनएलसी को दी चेतावनी

मेघालय के उपमुख्यमंत्री एवं गृह विभाग के प्रभारी प्रेस्टोन तिनसॉन्ग

शिलांग, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग ने आज एक बयान जारी कर हिन्यूट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को चेतावनी दी है कि शांति वार्ता के लिए दरवाजे हमेशा खुले नहीं रहेंगे।

संयोगवश, राज्य सरकार ने प्रतिबंधित एचएनएलसी से शांति वार्ता में शामिल होने का बार-बार आह्वान किया है। सरकार के आह्वान को नजरअंदाज करने के जवाब में उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग ने यह चेतावनी जारी की।

इस बीच, सोमवार को इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन टिनसोंग ने कहा कि दरवाजा अब भी खुला है। केंद्र सरकार भी प्रतिबंधित संगठन से शांति वार्ता की अपील कर रही है। लेकिन यदि वे वार्ता के लिए बार-बार किए गए आह्वान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, तो शांति वार्ता का आह्वान जल्द ही बंद हो सकता है। इसलिए, एचएनएलसी को चर्चा में भाग लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 16 नवंबर, 2024 को सख्ती से प्रभावी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 13) के तहत गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मेघालय में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों ‘हैन्यूट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल’ और इसकी शाखाओं और फ्रंटल संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया था। हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया।

अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने वाली गतिविधियों, जबरन वसूली और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ सहयोग के आरोपों का उल्लेख किया।

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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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