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चेन्नई, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । मद्रास हाई काेर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर तमिलनाडु में सार्वजनिक स्थानों पर राजनीतिक दलों, सांप्रदायिक समूहों और अन्य संगठनों के लगाए गए सभी स्थाई ध्वजस्तंभों को हटाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति जीके इलांथिरायन ने सोमवार 27 जनवरी को कहा कि अनुमति के बिना इन ध्वजस्तंभों को लगाना सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और गलियों पर अतिक्रमण है, जिससे यातायात जाम और जनता के लिए असुविधा होती है। काेर्ट ने अगले 12 सप्ताह के भीतर सभी मौजूदा स्थाई ध्वजस्तंभों को हटाने का आदेश दिया।
काेर्ट ने अपने आदेश में कहा कि स्थायी ध्वजस्तंभों के लिए लाइसेंस जारी करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। पुलिस और राजस्व अधिकारियों को ऐसे स्तंभाें की स्थापनाओं के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है। यदि संबंधित पक्ष निर्धारित समय के भीतर ध्वजस्तंभों को हटाने में विफल रहते हैं तो ध्वजस्तंभ मालिकों को अधिकारी नोटिस जारी कर स्तंभाें काे हटाने सहित कार्रवाई करने का अधिकार है। विभाग की ओर से ऐसे स्तंभाें हटाने की लागत स्थापना के लिए जिम्मेदार संबंधित पक्षों से वसूल की जाएगी। काेर्ट ने कहा कि राजनीतिक दल और संगठन संबंधित अधिकारियों से उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद ही निजी पट्टे की भूमि पर स्थाई ध्वजस्तंभ स्थापित कर सकते हैं।
काेर्ट ने राज्य सरकार को निजी पट्टे की भूमि पर ध्वजस्तंभ लगाने के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया है। यह आदेश सार्वजनिक स्थानों पर ध्वजस्तंभ लगाने की अनुमति मांगने वाली कई याचिकाओं पर हाई काेर्ट ने दिया है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ आर बी चौधरी
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