बिलासपुर, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में प्रवासी पक्षियों की कमी की चिंता को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में इस पूरे मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर मत्स्य विभाग के सचिव से इस पूरे मामले में व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश कर जवाब मांगा है।
धमतरी की एक संस्था धमतरी वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसाइटी ने इस पूरे मामले में जनहित याचिका दायर की है । सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील अदिति सिंघवी ने बताया की धमतरी जिले के गंगरेल बांध से जुड़ा एक भाग आर्द्र भूमि है। सिंचाई विभाग के अधीन अवैध रूप से पिंजरे में मछली पकड़ने का काम किया जा रहा है और यह वन भूमि है। सिंचाई विभाग ने बिना एनओसी के मछली पकड़ने पर रोक लगा दी। उसके बाद भी, जंगल की ज़मीन पर मछली पकड़ना जारी है। प्रवासी पक्षियों के आने की संख्या गिर गई है। पहले पिछले 5 सालों में 5000 प्रवासी पक्षी से अब वह संख्या शून्य होने की स्थिति में है। इस क्षेत्र में अवैध रूप से एक केज कल्चर फिशिंग की जा रही है। अधिवक्ता ने कहा यह प्रवासी पक्षियों का मामला है। प्रवासी पक्षी वहाँ आते हैं और यह एक प्रस्तावित रामसर सम्मेलन स्थल है। वहीं शासन का पक्ष रख रहे अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने कहा पिछले सप्ताह मामले को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी तक हमारे पास कोई रामसर स्थल नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह वन विभाग द्वारा तय किया जाने वाला रिकॉर्ड है, जो इस तथ्य से उपजा है कि यह एक जल निकाय है। वहीं पूरे मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर मत्स्य विभाग के सचिव से इस पूरे मामले में व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई 19 फरवरी 2025 को तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि रामसर अंतरराष्ट्रीय महत्व के विशेष रूप से जलपक्षी आवास प्रदान करने वाले आर्द्रभूमियों की पहचान करता है। जुलाई 2021 तक, दुनिया भर में 2424 रामसर स्थल हैं, जो 254,603,549 हेक्टेयर (629,139,070 एकड़) की रक्षा करते हैं, और जिसमें 171 राष्ट्रीय सरकारें भाग ले रही हैं।भारत ने दिसंबर 2024 तक रामसर स्थलों की सूची में 2 और आर्द्रभूमियों को शामिल कर लिया है, जिससे देश में इन स्थलों की कुल संख्या 82 हो गई है। तमिलनाडु में सबसे अधिक 16 रामसर स्थल हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश में 10 हैं। भारत ने 1982 में रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi