– उर्स की इजाजत की मांग वाली याचिका पर 31 को सुनवाई
नई दिल्ली, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई तीन हफ्ते के लिए टाल दी है। हालांकि जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उर्स की इजाजत की मांग वाली याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उर्स की इजाजत की मांग का विरोध करते हुए कहा कि गुजरात हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। पहले हाई कोर्ट को इस मामले को तय करने दिया जाए। इस पर दरगाह की ओर से पेश वकील ने कहा कि हर साल होने वाले उर्स के लिए हमने प्रशासन से इजाजत मांगी है लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। इस वजह से हमने यह अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को इस अर्जी पर सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2024 को सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमें लगता है कि अधिकारियों ने कोर्ट की अवमानना की है तो हम न केवल उन्हें जेल भेजेंगे बल्कि वहां यथास्थिति फिर से बहाल करने का भी निर्देश देंगे। सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई गई है। गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।
17 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आरोपितों को सजा देने के तौर पर इस्तेमाल हो रहे ‘बुलडोजर जस्टिस’ पर लगाम कसते हुए विभिन्न राज्यों में हो रही बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई तक बिना कोर्ट की इजाजत के इस दरम्यान कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि अगर सार्वजनिक रोड, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण है, तो वो हटाया जा सकता है। उसके हटाये जाने पर कोई रोक नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह