![पुलिस अधिकारियों ने धरना प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट से बात की पुलिस अधिकारियों ने धरना प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट से बात की](https://hs.sangraha.net/NBImages/3000/2025//01//26/10f6de33c8e192e70efc1ca7bd43651f_812620253.jpg)
बूंदी, 26 जनवरी (Udaipur Kiran) । कोतवाली थाना क्षेत्र में बाइपास रोड पर बाइक पर जा रहे दो मेडिकल स्टूडेंट को रोडवेज बस ने कुचल दिया। हादसे में एक स्टूडेंट की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट जिला अस्पताल के सामने रास्ता जाम कर सड़क पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने मृतक छात्र के परिजनों को पांच करोड़ मुआवजा देने और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग रखी। शाम करीब चार बजे कलेक्टर से बातचीत में कई मांगों पर सहमति बनने के बाद धरना खत्म हो गया।
छात्र के रूममेट विकास ने बताया कि एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट लोमश जांगिड़ (21) पुत्र निरंजन जांगिड़ निवासी केलवाड़ा (बारां) को किसी काम से जयपुर जाना था। कॉलेज के बाहर बस स्टॉप नहीं होने के कारण वह मेडिकल कॉलेज के ही दूसरे छात्र अलवीश गौरी निवासी बूंदी के साथ बाइक पर जयपुर की बस पकड़ने के लिए बूंदी जा रहा था।
बाइपास रोड पर नवलसागर पार्क के पास पीछे से आई रोडवेज बस ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में लोमश और अलवीश गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ देर बाद कॉलेज के ही छात्र दीपक और विक्रम वहां से गुजरे तो दोनों सड़क पर घायल हालत में पडे़ मिले।
विकास ने बताया कि दीपक और विक्रम ने दोनों को बाइक पर बिठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद लोमश को मृत घोषित कर दिया। लोमश फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस जिला अस्पताल पहुंची और शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
हादसे की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज के छात्र जिला अस्पताल पहुंचे और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। अगर हमें मेडिकल वैन और कॉलेज के बाहर बस स्टॉप की सुविधा मिल जाती तो ऐसी घटना नहीं होती। कॉलेज में भी प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को परेशान किया जाता है। वार्डन अनावश्यक रूप से परेशान करते हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। कॉलेज प्रिंसिपल हमारी कोई सुनवाई नहीं करते। सुविधाओं के नाम पर हमें कुछ नहीं मिल रहा है।
नाराज स्टूडेंट जिला कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। जब प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे तो मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट ने सड़क पर जाम लगा दिया। दोपहर तक प्रशासन और छात्रों के बीच बातचीत का दौर चलता रहा।
स्टूडेंट ने कहा कि हमारी समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाए। सड़क जाम होने के कारण ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित रहा। उपखंड अधिकारी एचडी सिंह ने आकर कॉलेज छात्रों से बात की।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बूंदी जिला अस्पताल के डॉक्टरों का भी साथ मिल गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पहुंचे और उनसे बात की। प्रदर्शन कर रहे मेडिकल स्टूडेंट ने मृतक लोमेश के परिजनों को पांच करोड़ रुपए मुआवजा देने और एक परिजन को सरकारी नौकरी दिलवाने की मांग पर अड़ गए।
दोपहर करीब 3.30 बजे कलेक्टर मौके पर पहुंचे। उनके साथ हुई बातचीत में कई मांगों पर सहमति बन गई। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि छह महीने में कॉलेज तक जानी वाली सर्विस रोड पर एक अच्छा बस स्टैंड बनाकर दिया जाएगा। मृतक छात्र के परिजनों को आर्थिक सहायता रोडवेज प्रबंधन देगा, कॉलेज के कोष दी जाएगी या प्रशासन देगा, यह कोर्ट तय करेगा।
कॉलेज को एंबुलेंस उपलब्ध कराने और पुलिस चौकी खोलने पर विचार किया जाएगा। बूंदी मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी डॉ. प्रशांत हिसालकर और डॉ. अरविंद यादव पर स्टूडेंट को बेवजह परेशान करने के आरोपों की जांच के लिए स्टेट लेवल कमेटी आएगी और स्टूडेंट के बयान दर्ज करेगी। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। शाम करीब चार बजे मेडिकल स्टूडेंट ने धरना खत्म कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
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