Madhya Pradesh

मप्रः शासकीय विद्यालयों में अभियान चलाकर सुनिश्चित की जाएंगी शौचालय और पेयजल व्यवस्था

लोक शिक्षण संचालक

– स्कूल शिक्षा विभाग ने स्वीकृत की राशि

भोपाल, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश के समस्त शासकीय हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विभाग अभियान चलाकर सर्वसुविधायुक्त शौचालयों और शुध्द पेयजल की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहा है। इस कार्य के लिये लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलों को आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान की है।मप्रः शासकीय विद्यालयों में अभियान चलाकर सुनिश्चित की जाएंगी शौचालय और पेयजल व्यवस्था

लोक शिक्षण संचालक ने शनिवार को प्रदेश के सभी जि़ला शिक्षा अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने के लिये कहा है कि शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शुध्द पेयजल व्यवस्था के लिये प्रत्येक हाई/ हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जल शोधन व्यवस्था एवं सुरक्षित जल भण्डार हेतु उचित व्यवस्था तत्काल की जाये। इसके अंतर्गत पेयजल वितरण व्यवस्था हेतु स्टैण्ड पोस्ट, पाइप लाइन का सुदृढ़ीकरण, टंकी की व्यवस्था एवं उचित जल निकास जो बगीचे एवं पेड़ पौधों के सींचने के लिये उपयोग में लाया जाये।

लोक शिक्षण संचालक ने शौचालय मरम्मत एवं अन्य आवश्यक कार्य कराये जाने संबंधी निर्देशों में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शासकीय शालाओं में उचित शौचालय व्यवस्था अथवा मरम्मत कार्य हेतु शालाओं के शौचालयों में मरम्मत कार्य जैसे-टॉयलेट शीट, यूरीन, पाईप लाईन, सीवेज लाईन, पानी की टंकी बदलना, मोटर, टाइल्स, वॉश बेसिन बदलना, टोंटी, आदि सेनेटरी आईटम्स की उचित व्यवस्था की जाये एवं साथ ही साथ सभी शौचालयों में जलवाहित किये जाये।

लोक शिक्षण संचालक ने कहा कि जिन किसी भी विद्यालयों में पूर्व से उपरोक्त संपूर्ण व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, तो उन्हें पृथक से यह कार्य कराने की आवश्यकता नहीं है। उक्त दोनों कार्यों के लिए ऐसे स्कूल जहाँ विद्यार्थी संख्या 200 से कम है वहां राशि रू. 25,000/- (पच्चीस हजार मात्र) प्रति स्कूल तथा जहाँ विद्यार्थी संख्या 200 से अधिक है वहाँ राशि रु 50,000/- (पचास हजार रू. मात्र) प्रति विद्यालय के मान से मानक आवंटन (शौचालयों हेतु पृथक से और पेयजल हेतु पृथक से राशि) सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के डी.डी.ओ में उपलब्ध कराया जा रही है। यह राशि वास्तविक आवश्यकतानुसार स्कूलों की शाला प्रबंधन एवं विकास समिति (एस.एम.डी.सी) द्वारा व्यय की जावेगी। जिसकी मांग प्राक्कलन तैयार कर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को प्रस्तुत किया जायेगा। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी तदनुसार राशि का आहरण कर संबंधित एस.एम.डी.सी. को उपलब्ध करायेंगे। जारी निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी स्कूल को निर्दिष्ट व्यवस्था हेतु प्रावधानित राशि से अधिक की आवश्यकता है तो कार्य का विवरण एवं अतिरिक्त आबंटन की जानकारी प्रदान करने पर अतिरिक्त आवंटन भी प्रदान किया जा जायेगा।

विद्यालयों की शाला प्रबंधन एवं विकास समितियां पेयजल और शौचालयों दोनों निर्माण एजेन्सी की भूमिका निभायेंगी। जिसे आवश्यकतानुसार राशि अग्रिम रूप से प्रदाय की जायेगी। यह कार्य गुणवत्ता एवं समय-सीमा का ध्यान रख अभियान के रूप में किया जायेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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