शिमला, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार को दो साल का समय पूरा हो गया है और इन दो वर्षों में सरकार ने कुछ नहीं किया। इस दौरान प्रदेश में विकास के नाम पर 30,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया गया है। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से पूछा कि विपक्ष को कोसने के बजाय वह बताएं कि इस समय उन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि वह प्रदेशवासियों को यह स्पष्ट करें कि 2017 में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने सत्ता से बाहर होने पर राज्य को कोई कर्ज या देनदारी नहीं छोड़ी थी और नाे ड्यूज के कागजात दिखाएं।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या उनकी पार्टी की विधानसभा में दी गई एक भी गारंटी ईमानदारी से पूरी हो पाई है? चुनाव से पहले कांग्रेस ने जो गवर्नेंस का वादा किया था, क्या वही गवर्नेंस अब सरकार दे रही है? जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर भी मंच का उपयोग झूठ बोलने के लिए किया और प्रदेशवासियों से पूछा कि क्या उन्होंने सिर्फ विपक्ष को कोसने के लिए कांग्रेस को इतना बड़ा जनादेश दिया था?
जयराम ठाकुर ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पिछली सरकार ने लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जैसे वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा को 80 से घटाकर 60 वर्ष करना, पेंशन की राशि में वृद्धि करना और आय सीमा को समाप्त करना। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धों के लिए पेंशन 700 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये की, विधवा और दिव्यांगजनों की पेंशन में भी वृद्धि की और 125 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रावधान किया था।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट भी दी थी, जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान एक भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा और श्सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर काम किया।
नेता प्रतिपक्ष ने वर्तमान सरकार की नाकामियों का हवाला देते हुए कहा कि ज्यादातर योजनाओं को या तो बंद कर दिया गया है या उनका बजट रोक दिया गया है, जिससे ये योजनाएं अब मृतप्राय हो गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में भी विफलता दिखाई है, जहां इलाज के लिए लोग प्राइवेट अस्पतालों में पैसे के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह जमीनी हकीकत का जायजा लें और केवल झूठ बोलने की बजाय धरातल पर काम करें। उन्होंने कहा कि अगर झूठ बोलने से सरकार चलती तो फिर काम करने की आवश्यकता ही क्या होती?
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा