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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियाें ने पर्चा जारी कर दावा किया, जिंदा है नक्सली कमांडर दामोदर उर्फ चोखा राव

नक्सली प्रेस नोट
नक्सली प्रेस नोट

-पुलिस अधिकारी बोले, पुलिस प्रशासन की ओर से दामोदर को मारे जाने को लेकर कोई भी दावा नहीं किया गया

बीजापुर, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने कहा कि नक्सली कमांडर दामोदर उर्फ चोखा राव जिंदा है। वह बीजापुर जिले के जंगल में तेलंगाना सीमा पर 16 जनवरी को हुए मुठभेड़ में नहीं मरा है। इस बाबत बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आपरेशन ने

अधिकारिक तौर पर कहा कि पुलिस की ओर से ऐसा कोई भी दावा नहीं किया गया था। नक्सली संगठन के लोग ही दामोदर के मारे और नहीं मारे जाने की बात कह रहे हैं।

दक्षिण सब जोनलब्यूरो की प्रवक्ता ने प्रेस नोट जारी कर दावा किया कि नक्सली कमांडर दामोदर उर्फ चोखा राव जिंदा है जबकि कुछ समय पहले जारी दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव गंगा ने प्रेस नोट जारी कर मुठभेड़ में नक्सली कमांडर दामोदर के मारे जाने की बात कही थी। अब नक्सलियों के ही दक्षिण सब जोनल की प्रवक्ता समता ने उस प्रेस नोट का खंडन करते हुए पुलिस पर फर्जी प्रेस नोट जारी करने का आरोप लगाया है। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो प्रवक्ता ने कहा कि नक्सली नेता दामोदर उर्फ चोखा राव जिंदा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि कांकेर में हुए मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे और चार ग्रामीणों की हत्या हुई है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर पहला प्रेस नोट किसका था? क्या नक्सलियों ने गुमराह करने के लिए किया या किसी और ने इसे जारी किया?

उल्लेखनीय है कि नक्सली कमांडर दामोदर उर्फ चोखा राव स्टेट कमेटी मेम्बर और तेलंगाना स्टेट कमेटी का चीफ था। वह लंबे समय से नक्सल गतिविधियों में शामिल रहा है, उस पर 50 लाख का इनाम भी घोषित है। नक्सली दामोदर राव ऊर्फ चोक्का राव उर्फ मल्लन्ना की माैत को लेकर जो बातें हो रही हैं, उस पर तेलंगाना में अब तक विराम लगा हुआ है। तेलंगाना पुलिस और वहां का नक्सली संगठन दामोदर की मौत पर खामोश है। किसी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।

तेलंगाना में दामोदर समर्थक एक नेता ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में 5 दिन पहले लिखा कि दामोदर अन्ना (बड़े भाई) सुरक्षित हैं। उन्हें लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव हरिभूषण की कोरोना से मौत जून 2021 को हो गई थी। जब उसकी मौत हुई तो उसके अंतिम संस्कार का बकायदा वीडियो और फोटो नक्सलियों ने जारी किया था। दामोदर को हरिभूषण की मौत के बाद ही सचिव बनाया गया था। अब जबकि दामोदर की मौत की खबर छत्तीसगढ़ में चल रही है तो उसके अंतिम संस्कार के वीडियो और फोटो का इंतजार किया जा रहा है। आमतौर पर जब भी कोई बड़ा नक्सली लीडर मारा जाता है तो नक्सली उसकी अंतिम यात्रा को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन दामोदर की मौत की खबरों के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

इस संबंध में बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आपरेशन ने (Udaipur Kiran) से अधिकारिक तौर पर कहा कि पुलिस की ओर से ऐसा कोई भी दावा नहीं किया गया था।

नक्सली संगठन के लोग ही दामोदर के मारे और नहीं मारे जाने की बात कह रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे

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