भोपाल, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजधानी भोपाल के खानूगांव में शनिवार सुबह 3 मंजिला इमारत में आग लग गई। सिलाई सेंटर में सुबह करीब 8 बजे भड़की आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। आग से अफरा-तफरी मच गई। मजदूर शोर मचाते हुए सिलाई सेंटर से बाहर भागे। आग ने देखते ही देखते 3 मंजिला बिल्डिंग को चपेट में ले लिया। 15 फीट ऊंची पलटों के बीच बिल्डिंग में रहने वाले 50 लोग घिर गए। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां पहुंची। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सभी 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। आग लगने की वजह शॉट सर्किट बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, खानूगांव में युनूस कुरैशी की तीन मंजिला बिल्डिंग है। बिल्डिंग के थर्ड और ग्राउंड फ्लोर के एक हिस्से में आठ परिवार रहते हैं। फर्स्ट फ्लोर पर सिलाई सेंटर है। यहां सिलाई मशीनें और कपड़े की गठानें रखी थी। शॉट सर्किट से सुबह 8 बजे सिलाई सेंटर में आग भड़की गई। आग बढ़ती गई। कुछ ही देर में पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया। लपटें उठती देखकर अफरा-तफरी मच गई। बिल्डिंग में धुआं भर गया। चश्मदीद फहीमुद्दीन चौधरी ने बताया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी, उसके पास में ही वे रहते हैं। सुबह सिलाई सेंटर से मजदूर शोर मचाता बाहर निकला। देखा तो धुआं निकल रहा था। इसके बाद फौरन फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना के बाद एक के बाद एक कर 30 फायर ब्रिगेड गाड़ियां पहुंची। दमकल कर्मियों ने लोगों को बिल्डिंग से बाहर निकालना शुरू किया। महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में उठाकर बाहर भागीं। घरों से गैस सिलेंडर भी बाहर किए ताकि कोई गंभीर हादसा न हो जाए। कुछ ही देर में पूरी बिल्डिंग खाली करा दी गई। करीब 50 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। आग पर कड़ी मशक्कत के बाद 3 घंटे में काबू पाया जा सका। सुबह 11 बजे तक फतेहगढ़ समेत आसपास के फायर स्टेशनों से करीब 30 फायर ब्रिगेड गाड़ियां और पानी के टैंकरों की मदद से आग बुझाई जा सकी।
बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सिलाई सेंटर में 10 मजदूर थे। बाकी के लोग भी बिल्डिंग में किराए से रह रहे हैं। लोगों ने बताया कि आग की लपटें 10 से 15 फीट तक ऊपर उठ रहीं थी। आग ने बिल्डिंग के सभी फ्लैट को चपेट में ले लिया। कुछ लोगों के घरों का घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। आग में सिलाई सेंटर पूरी तरह से जल गया। लाखों की मशीनें आग में खाक हो गई। जिस समय आग लगी उस समय सिलाई सेंटर में 10 मजदूर काम कर रहे थे। गनीमत रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना था कि आग लगने की सूचना नगर निगम के फायर स्टेशन को फौरन दे दी गई थी, लेकिन औपचारिकताएं पूरी करने में इतना समय लगा कि आग तेजी से फैलती गई। अगर समय रहते दमकल वाहन मौके पर पहुंच जाते तो आग को फैलने से रोका जा सकता था।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे