बिलासपुर, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा के आदेश के अनुपालन में जिला न्यायपालिका के सभी न्यायिक अधिकारियों को उन्हें आवंटित सभी मामलों के बेहतर निपटान के संबंध में निम्नलिखित निर्देशों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस आदेश के संबंध में रजिस्ट्रार जनरल के. विनोद कुजूर ने शुक्रवार को परिपत्र जारी किया है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश/न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, न्यायाधीश, वाणिज्यिक न्यायालय, (जिला स्तर), रायपुर, न्यायाधीश, औद्योगिक न्यायालय/श्रम न्यायालय को रजिस्ट्री द्वारा समय-समय पर जारी मामलों के बेहतर निपटान के संबंध में निर्देशों का पालन किया जाना है। वहीं 10 वर्ष से अधिक, 5-10 वर्ष, 2-5 वर्ष, 0-2 वर्ष से अधिक लंबित मामलों का निपटारा विलंब एवं बकाया समिति/राज्य न्यायालय प्रबंधन प्रणाली प्रकोष्ठ द्वारा मामलों के त्वरित निपटारे के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की जिला न्यायपालिका में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं के तहत जारी निर्देशों तथा रजिस्ट्री ज्ञापन क्रमांक 7650, दिनांक 10-05-2024 के आलोक में किया जाना चाहिए।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 से संबंधित मामलों का निपटारा इस अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के प्रावधानों के अनुसार किया जाना चाहिए। परिपत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 से संबंधित मामलों का निपटारा इस अधिनियम की धारा 4 की उपधारा 4 के प्रावधानों के अनुसार किया जाना सुनिश्चित करने कहा गया है। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 से संबंधित मामलों का निपटारा इस अधिनियम की धारा 35 की उपधारा 2 के प्रावधानों के अनुसार किया जाना चाहिए। अतिरिक्त जिला न्यायपालिका के सभी न्यायिक अधिकारियों को आने वाले दिनों में सभी मामलों के निपटान में सुधार करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए। वहीं यह भी लिखा गया है कि जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारी जो रजिस्ट्री परिपत्र संख्या 4972, दिनांक 13-04-2022 के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपने कार्य निष्पादन में सुधार करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi