धमतरी, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । बालकला मंदिर आमापारा द्वारा आयोजित राम कथा में शुक्रवार को व्यास पीठ से पंडित उमाशंकर शुक्ल ने कहा कि मानव जीवन को धन्य करने के लिए सद्गति एवं मोक्ष प्राप्त करने का एक ही मार्ग है ईश्वर की भक्ति। उसे निष्काम साधना से ही प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि संबंधों में पवित्रता तभी आ सकती है जब हम उसके प्रति ईमानदार रहें। भक्ति मार्ग की सबसे बड़ी बाधा छल, प्रपंच, झूठ, धोखा है जिससे दूर रहकर ही हम माता शबरी की तरह भक्ति में लीन रहते हुए भगवान राम को प्राप्त कर सकते हैं। पंडित उमाशंकर शुक्ल ने भगवान राम सीता के पुष्प वाटिका मिलन का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि जब राम लक्ष्मण गुरु के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे, तो उन्हें रास्ते में एक आश्रम मिला। जहां एक विशाल पत्थर का टुकड़ा पड़ा था। राम ने जब गुरु विश्वामित्र से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि का विश्रामालय है। यह जो पत्थर देख रहे हो उनकी पत्नी अहिल्या है, जो श्राप बस पत्थर हो गई है। तब राम ने अहिल्या को तारना चाहा, किंतु सूर्य वंश में स्त्री को पैर से छूना मना था। राम की यह दुविधा देख पवन देव ने अपने झोकों से प्रभु के चरणों की धूल पत्थर पर डाल दिया। चरण रज पाते ही पत्थर नारी हो गई। अहिल्या को प्रकट होते ही वहां ब्रह्मा, शंकर सहित अनेक देव गण पहुंच गए और भगवान राम का जयघोष करने लगे। उन्होंने राम वन गमन, केंवट प्रसंग तथा भगवान का भक्ति से मिलन, विश्वमित्र आगमन, अहिल्या उद्धार, राम-सीता मिलन की कथा सुनाई। राम कथा के समापन पर भंडारा हआ जिसमें सभी ने प्रसादी पाई।
इस अवसर पर बिसेशर पटेल, प्रकाश शर्मा, सुरली गुप्ता, शरद पटेल, देवेन्द्र पिंकी यादव, गोलू यादव, पूरन नाग, गब्बर पटेल, नरेश वाधवानी, राजेंद्र शर्मा, विजय मोटवानी, कुलेश सोनी, पिन्टू यादव सहित काफी संख्या में वार्डवासी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा