नई दिल्ली, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 सीएजी रिपोर्ट पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग खारिज कर दी है। हालांकि जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से सीएजी रिपोर्ट पेश करने में काफी देर की गई। हाई कोर्ट ने 16 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान विधानसभा के स्पीकर और दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखे जाने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है और ऐसे में अभी सीएजी की रिपोर्ट पेश करने से कोई सार्थक जरूरत पूरी नहीं होगी।
सुनवाई के दौरान भाजपा विधायकों की ओर से पेश वकील ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया था कि वो सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने में देरी कर रही है। उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये और जरूरी है कि ये रिपोर्ट पेश किया जाए। याचिकाकर्ता भाजपा विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है।
हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखा। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली हाई कोर्ट में 16 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के बाद भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजा और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम