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– डीआरडीओ की झांकी में स्वदेशी हथियार प्रणालियों की दिखाई जाएगी झलक
नई दिल्ली, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम के साथ झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के साथ युद्ध क्षेत्र का परिदृश्य दिखाया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देशवासियों के समक्ष संयुक्तता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करने के लिए तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी दिखाई जाएगी। यह झांकी ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ की विषय-वस्तु के साथ सशस्त्र बलों में संयुक्तता व एकीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार को सुविधाजनक बनाने वाले संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा। इसमें युद्ध क्षेत्र के परिदृश्यों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें जमीन, पानी और हवा में समकालिक ऑपरेशन को दिखाया जाएगा।
झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम की झलक देखने को मिलेगी। यह झांकी मुख्य रूप से बहु-डोमेन परिचालनों में तीनों सेनाओं की तालमेल को प्रदर्शित करेगी। ये प्लेटफॉर्म रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के दृष्टिकोण का उदाहरण हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘परिवर्तन का वर्ष’ घोषित किया है। समकालीन और भविष्य के संघर्षों में सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता को अधिकतम करने की दिशा में प्रमुख आधारशिला के रूप में पहचाना गया है। एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय ने सुधारों को सही दिशा में ले जाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की दिशा में केंद्रित पहल की है।
डीआरडीओ की झांकी गणतंत्र दिवस परेड के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी का विषय ‘रक्षा कवच- बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण’ होगा, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना, रोकना और नष्ट करना, सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धर्मशक्ति, लेजरआधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल शामिल होंगे।
इसके अलावा डीआरडीओ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित करेगा, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है। परेड के दौरान डीआरडीओ में विकसित नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली प्रदर्शित की जाएंगी। डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा, इसमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’, हल्का युद्धक टैंक ज़ोरावर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और इलेक्ट्रो ऑप्टिक (श्येन) के साथ डोर्नियर का रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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