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दुष्कर्म के आरोपित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय की पत्नी की जमानत याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमानत खारिज करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक साल के बाद ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दे दी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील सुभाशीष सोरेन ने कहा कि याचिकाकर्ता अगस्त 2023 से न्यायिक हिरासत में है और ट्रायल कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। इसके पहले 6 सितंबर 2024 को प्रेमोदय खाखा की पत्नी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपित ने दो परिवारों के भरोसे को तोड़ा है। इसके अलावा अगर आरोपित को रिहा किया गया तो गवाहों के प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक खाखा के पर आरोप है कि नाबालिग लड़की के साथ नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती भी कर चुका है। इस मामले मे खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त 2023 को गिरफ्तार कर लिया था और वह न्यायिक हिरासत में है। खाखा की पत्नी सीमा रानी पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की 1 अक्टूबर 2020 में मौत हो गई थी जिसके बाद खाखा ने उसे अपने घर उसकी देखभाल के लिए बुला लिया था। पीड़िता खाखा को मामा कहकर बुलाती थी। खाखा की पत्नी ने पीड़िता को गर्भ हटाने वाली गोली खिलाई थी।

दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो के विभिन्न प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) (एफ), 509, 506, 323, 313, और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज किया है। खाखा दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था। मामला सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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