अजमेर, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती और पराक्रम दिवस के अवसर पर राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें नेताजी के जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर डीन अकादमिक प्रो डीसी शर्मा ने कहा कि कुलपति प्रो आनंद भालेराव के प्रयासों से समय–समय पर विश्वविद्यालय में महापुरुषों और क्रांतिकारियों की जयंती मनाई जाती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सिविल सर्विस में सफलता के बाद भी, बोस ने अपनी देशभक्ति और भारतीय स्वतन्त्रता के प्रति प्रतिबद्धता के कारण इतनी बड़ी नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया।
प्रो डीसी शर्मा ने आगे कहा कि सुभाष चंद्र बोस, महर्षि अरविंद घोष और महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों से प्रभावित थे। सुभाष चंद्र बोस ने अपने बड़े भाई शरतचंद्र बोस को पत्र लिखकर कहा कि वो आईपीएस बनकर अंग्रेज़ों कि गुलामी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि नेताजी का जीवन और उनके विचार भारतियों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत है।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने बताया कि “विश्वविद्यालय में समय–समय पर महापुरुषों और क्रांतिकारियों की जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य सभी में देशभक्ति की भावना उत्पन्न करना और स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षो को जानना है। नेताजी के विचारों और उनके अतुल्य साहस ने भारतवासियों को स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया है और उनका जीवन सदैव युवाओं को प्रेरित करता रहेगा।”
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमरदीप शर्मा व विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे। मंच संचालन विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी अनुराधा मित्तल ने किया।
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(Udaipur Kiran) / संतोष