जयपुर, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । जयपुर की शहर में नगर निगम हेरिटेज की ओर से कचरे के निस्तारण और पुर्नचक्रीकरण को लेकर किए जा रहे नवाचार अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़ने जा रहे है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मार्च महीने में आयोजित होने वाली एशिया पेसिफिक उच्चस्तरीय 12वीं क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर अर्थव्यवस्था फोरम जयपुर में आयोजित की जाएगी। जिसमें विश्वभर में कचरे के निस्तारण और उसके पुर्नचक्रीकरण को लेकर 450 से ज्यादा एक्सपर्ट चर्चा करेंगे। गुरूवार को प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव और डीएलबी के मुख्य अभियंता प्रदीप गर्ग ने नगर निगम हेरिटेज द्वारा किए जा रहे कचरे के निस्तारण और पुर्नचक्रीकरण को लेकर किए जा रहे प्रयासों का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने लांगडियावास में स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, आरडीएफ प्लांट, सीएनडी प्लांट का निरीक्षण कर अवलोकन किया। साथ ही मथुरादासपुरा स्थित डंपिंग यार्ड में लीगेसी वेस्ट का बायो रिमेडिएशन प्रक्रिया का भी देखा। इस दौरान हेरिटेज निगम आयुक्त अरूण हसीजा ने प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव को सभी प्लांट की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया। प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने प्रोजक्ट से संबंधी जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
हेरिटेज निगम आयुक्त अरूण हसीजा ने बताया कि जयपुर के आरआईसी सेंटर में तीन मार्च से पांच मार्च तक एशिया पेसिफिक उच्चस्तरीय 12वीं क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर अर्थव्यवस्था फोरम वर्कशॉप आयोजित होने जा रही है। वर्कशॉप जयपुर में पहली बार आयोजित हो रही है। जहां पर 450 से अधिक देश — विदेश से आने वाले एक्सपर्ट कचरे के निस्तारण और पुर्नचक्रीकरण पर चर्चा करेंगे। इस दौरान वर्कशॉप में आने वाले प्रतिनिधि हेरिटेज निगम के प्लांटों का भी अवलोकन कर हेरिटेज निगम की कार्यशैली से अवगत होंगे। जिसकी तैयारियों को लेकर गुरूवार को प्लांट का निरीक्षण किया गया। इस दौरान स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, डीएलबी के मुख्य अभियंता प्रदीप गर्ग, हेरिटेज निगम आयुक्त अरूण हसीजा, हेरिटेज निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रवण कुमार वर्मा, उपायुक्त सतर्कता पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य निगम अधिकारी मौजूद रहे।
लांगडियावास वेस्ट टू एनर्जी प्लांट मे प्रतिदिन 700 टन कचरे का पुर्नचक्रीकरण कर 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्लांट में ट्रायल फेस पर नगर निगम से प्रतिदिन कचरा लेना शुरू हो गया है। सीएनडी प्लांट — कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन प्लांट का निर्माण लांगडियावास में हो रहा है। इस प्लांट पर प्रतिदिन 300 टन कचरे का पुर्नचक्रीकरण किया जाएगा। इसमें मकानों और अन्य भवन निर्माण से उत्पन्न होने वाले सीएनडी वेस्ट का पुर्नचक्रकीकरण कर टाइल्स और ईंट बनाने का कार्य किया जाएगा।
एमआरएफ प्लांट:इस प्लांट में सूखे कचरे का संग्रहण कर 300 टन कचरे से एमआरएफ फेसिलिटी का निर्माण प्रगति पर है। इसका पूर्ण निर्माण फरवरी माह में कर लिया जाएगा। इस प्लांट में होटल और रेस्टोरेंट से सूखा कचरा लिया जाएगा। यूजर चार्ज का 50 प्रतिशत हिस्सा नगर निगम हेरिटेज को दिया जाएगा।
मथुरादासपुरा डम्पसाइट: यहां पर लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए बायोरेमेडेसन या बायोमाईनिंग कार्य किया जा रहा है। प्रथम फेज में लगभग 90 प्रतिशत लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया जा चुका है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश