कोलकाता, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी सभी फाइलों को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की।
उन्होंने अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी में नेताजी की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि नेताजी साजिश का शिकार हुए थे। राज्य सरकार ने नेताजी से जुड़ी 64 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। अब केंद्र सरकार को भी केंद्रीय अभिलेखागार में मौजूद फाइलों को सार्वजनिक करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की जनता को नेताजी के जन्मदिन की तारीख तो पता है, लेकिन उनकी मृत्यु की तारीख आज तक ज्ञात नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे दुख होता है कि हम यह तक नहीं जान पाए कि नेताजी के साथ वास्तव में क्या हुआ।
उन्होंने नेताजी को देश का सच्चा राजनीतिक पथप्रदर्शक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सच्चे नेता और मार्गदर्शक थे। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की। पूर्ववर्ती योजना आयोग उनकी सोच का परिणाम था। वे सभी धर्मों की एकता में विश्वास करते थे और सभी के बारे में सोचते थे। लेकिन यह दुखद है कि हम यह नहीं जानते कि वे वास्तव में कहां गायब हो गए।
इसी बीच, कोलकाता के रेड रोड पर आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार पर नेताजी की जयंती को लेकर कथित दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 के तहत 23 जनवरी को 2025 के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, लेकिन सरकारी अधिकारियों के व्हाट्सएप समूह में कहा गया कि सीएमआरओ शिकायत निवारण कार्यालय उस दिन कार्यरत रहेगा। उन्होंने इसे सार्वजनिक अवकाश के नियमों का उल्लंघन और नेताजी का अपमान बताया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर