Haryana

झज्जर: श्मशान भूमि की व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवियों ने दिया धरना

नगर परिषद कार्यालय के बाहर धरना देते मोक्ष सेवा ट्रस्ट से जुड़े समाजसेवी

-नगर परिषद बहादुरगढ़ के गेट में धरने पर बैठे लोग

झज्जर, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । बहादुरगढ़ सिटी मेट्रो स्टेशन के पास शहर की मुख्य श्मशान भूमि राम बाग की व्यवस्था में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मोक्ष सेवा ट्रस्ट से जुड़े लोगों और अन्य समाजसेवियों ने गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय बहादुरगढ़ के बाहर धरना दिया। रामबाग की व्यवस्थाओं में नियमित सुधार की मांग की।

धरना दे रहे लोगों ने कहा कि नगर परिषद की मलकियत होने के बावजूद श्मशान भूमि पर बाहरी लोगों का कब्जा है या भी कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। 70 लाख रुपये की लागत से 2020 में बनाया गया गैस से चलने वाला शव दाह गृह अब तक शुरू नहीं हुआ है। इसके निर्माण में भी गंभीर भ्रष्टाचार किया गया है। श्मशान भूमि की टाल में गीली और महंगी लकड़ियां मिलती हैं। जिससे शव दाह होने में बहुत मुश्किल होती है। रामबाग की भूमि में बनाई गई दुकानों के किराए कभी कोई सही ढंग से हिसाब किताब नहीं रखा जाता।

मोक्ष सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र चुघ ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा पिछले लंबे समय से शवों को निशुल्क लाने के लिए दो शव वाहन चलाए जा रहे हैं लेकिन इनको भी श्मशान भूमि परिसर में खड़ा करने के लिए जगह नहीं दी जाती। रामबाग में गैस आधारित शव दाह गृह कोरोना की महामारी के वक्त बनाया गया था। उस दौरान रामबाग में अंत्येष्टि के लिए बड़ी संख्या में शवों का आना लगा रहा। लकड़ी के अभाव और श्मशान भूमि में जगह कम पड़ने के कारण लोगों को शवों का दाह संस्कार करने में कठिनाई हुई। जिस कारण विद्युत और गैस आधारित शव दाह गृह का निर्माण किया गया।

यह 4 साल पूरे होने के बावजूद अब तक शुरू नहीं हुआ है। यह व्यवस्था आरंभ हो जाए तो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से तो उचित रहेगा ही पीड़ित परिवारों के लिए बहुत कम खर्चीला भी होगा। गैस या बिजली से शब्द आगे करने में समय भी बहुत कम खर्च होगा और कुछ ही देर में शारदा होने के 2 घंटे बाद मृतक की अस्थियां भी प्राप्त हो सकेंगी। एक शब्द का दाह संस्कार होने में केवल 18 किलोग्राम गैस खर्च होगी। गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय के बाहर धरनारत मोक्ष सेवा ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक समयबद्ध तरीके से यह प्लांट आरंभ होने की लिखित गारंटी नहीं मिलेगी तब तक यहां उनका धरना जारी रहेगा।

(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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