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रेड मॉल मामले में जीडीए को मिला दो सौ सत्रह करोड़ अट्ठारह लाख वसूलने के अधिकार

रेड मॉल
जीडीए का सांकेतिक फोटो

– एनसीएलटी ने वित्तीय विवाद को सुलझाते हुए प्राधिकरण को वित्तीय ऋणदाता के रूप में मान्यता दी

गाजियाबाद, 22 जनवरी (Udaipur Kiran) । एनसीएलटी (नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने रेड मॉल मामले ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। एनसीएलटी ने रेड मॉल के वित्तीय विवाद को सुलझाते हुए प्राधिकरण को वित्तीय ऋणदाता के रूप में मान्यता दी है। इस जीत के साथ ही प्राधिकरण को दो सौ सत्रह करोड़ अट्ठारह लाख रुपये की धनराशि की वसूली का अधिकार मिल गया है। यह धनराशि 28 फरवरी 2022 तक बकाया थी। जीडीए ने इस धनराशि को एनसीएलटी में क्लेम किया था।

माना जा रहा है कि जीडीए द्वारा मजबूत पक्ष रखने के कारण यह ऐतिहासिक जीत मिली है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स को इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय जा रहा है। क्योंकि उन्होंने समय-समय पर इस मामले में एनसीएलटीसी में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए संबंधित अधिकारियों को लगातार प्रेरित किया था।

आपको बता दें कि विवादित संपत्ति (खसरा संख्या 352, 353, 354, 355, 358, 371, 372) के स्वामित्व, भुगतान और परियोजना निर्माण से जुड़े मुद्दों को लेकर रेड मॉल ग्रुप के साथ विवाद एनसीएलटी में लंबित था। जिस पर जीडीए ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। जिसमे प्रत्येक सुनवाई पर प्राधिकरण से उपाध्यक्ष के निर्देशन मे अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया और बारीकी से केस की प्रगति पर निगरानी रखी गयी और उस पर उपाध्यक्ष से चर्चा कर आगे की रणनीति तय की गयी।

इस निर्णय के बाद जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने यह साबित किया है कि वह क्षेत्र के विकास के साथ-साथ विवादित मामलों को निष्पक्षता और प्रभावी तरीके से सुलझाने में भी सक्षम है। यह सफलता प्राधिकरण की प्रतिबद्धता और कुशलता का प्रमाण है।

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(Udaipur Kiran) / फरमान अली

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