लखनऊ, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 के संबंध में गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मंगलवार काे यहां मुस्लिम पक्षक्षाकाराें के साथ बैठक हुई। इस बैठक में मुस्लिम पक्षकारों ने कमेटी को बीस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से मुस्लिम पक्षकारों ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के इस्तमाल को समाप्त करने, डीएम के अधिकार बढ़ाने, वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल करने, चुनाव प्रक्रिया को समाप्त कर सदस्यों को नामित करने जैसे बिन्दुओं पर कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है।
इस दौरान जेपीसी के सदस्य एवं राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा कि कमेटी अपने विजिट के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। लखनऊ में यह आखिरी बैठक होगी। प्रस्तुत वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के संबंध में सभी हितधारकों से सुझाव ले रहे हैं। सुझावों को कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को सौंपा जायेगा। बैठक में मौजूद रहे मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि वक्फ की किसी भी चीज का सीधे खुदा पाक से संबंध होता है। इसलिए कोई बंदा इसका मालिक नहीं हो सकता है। इस बिल में वक्फ बोर्ड के अधिकार को कम कर दिया गया है। वहीं जिलाधिकारी के अधिकार को बढ़ा दिया है।
वक्फ एक्ट की धारा समाप्त करने का सर्वाधिक विरोधमौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना मुश्ताक, मौलाना नजीबुर्रहमान सहित तमाम मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी बातों को रखते हुए वक्फ एक्ट की धारा ‘वक्फ बिल इस्तेमाल’ को समाप्त करने का सर्वाधिक विरोध किया है। मौलानाओं के अनुसार एक्ट समाप्त होने पर मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान पर कब्जा हो जायेगा। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि एवं न्याय विभाग, अल्पसंख्यक आयाेग के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय