जयपुर, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-2 ने फ्लैट निर्माण के दौरान उपभोक्ता से अनुचित राशि मांगने से जुडे मामले में मैसर्स शिव ज्ञान डेवलपर्स लि. पर सत्तर हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने भुगतान की गई 15.97 लाख रुपए 12 फीसदी ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं। आयोग अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीणा और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश दिनेश खंडेलवाल व अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि आवेदन पत्र प्री-प्रिंटेड होता है और उसमें बिल्डर के पक्ष की ही शर्ते लिखी होती हैं। बिल्डर ने फ्लैट की लोकेशन भी बदली, जो उसकी गलत मंशा को दर्शाता है।
परिवाद में कहा गया कि उसने विपक्षी बिल्डर के कास्टा विस्टा में छठी मंजिल पर 1.03 करोड़ रुपए कीमत का फ्लैट बुक कराया था। इस दौरान उसने 11 सितंबर, 2014 को तीन लाख रुपए का भुगतान कर दिए। इसके बाद नवंबर, 2014 में भी 12.97 लाख रुपए अदा किए। वहीं सितंबर, 2015 में बिल्डर ने पत्र भेजकर बेसमेंट की स्लैब कास्टिंग करना बताकर राशि की मांग की। इस दौरान परिवादी को जानकारी मिली की स्टेट हैंगर के पास स्थित इस इमारत को गिराया जा सकता है और प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट में भी मामला लंबित है। इसके अलावा बिल्डर ने फ्लैट की लोकेशन भी बदल कर पहली मंजिल कर दी। वहीं जब परिवादी ने भुगतान लौटाने की बात कही तो बिल्डर ने कीमत की दस फीसदी राशि काटकर शेष राशि ही देने की बात कही। परिवाद में गुहार की गई कि उसे संपूर्ण राशि लौटाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बिल्डर पर हर्जाना लगाते हुए वसूली राशि ब्याज सहित लौटाने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)