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भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र एक अग्रणी वैश्विक शक्ति है: प्रह्लाद जोशी  

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी

जयपुर/नई दिल्ली, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र एक अग्रणी वैश्विक शक्ति है। यह 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को हासिल करने और उससे आगे निकलने के लिए सही स्थिति में है।

जोशी ने आज जयपुर में नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को हमारे ऊर्जा मिश्रण में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए, जो 2032 तक दोगुनी होने जा रही है। जोशी ने सीओपी26 से पंचामृत पहल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए भारत के एक स्थायी ऊर्जा अर्थव्यवस्था में परिवर्तन में नवीकरणीय ऊर्जा की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की विश्व-अग्रणी हरित हाइड्रोजन बोली और हाल ही में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 32 लाख करोड़ रुपये का निवेश एक स्थायी और ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य के लिए देश की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

मंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के अनुरोध पर जनवरी 2025 में पीएम कुसुम योजना के तहत राजस्थान को अतिरिक्त 5 हजार मेगावाट आवंटित किया है। उन्होंने जैसलमेर में हाल ही में चार सौर ऊर्जा परियोजनाओं के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला, जिनकी कुल क्षमता 1,200 मेगावाट है। भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करते हुए जोशी ने कहा कि मोदी सरकार सभी राज्यों की सामूहिक प्रगति के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग करने पर जोर देती है। गांधीनगर, भुवनेश्वर, कोलकाता और मुंबई सहित विभिन्न क्षेत्रों में राज्य स्तरीय समीक्षा की गई है।

उन्होंने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में चुनौतियों और अपेक्षाओं को संबोधित करने के लिए उद्योग हितधारकों के साथ केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की चल रही भागीदारी पर प्रकाश डाला। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की प्रगति को और मजबूत करने के लिए विशाखापत्तनम, वाराणसी और गुवाहाटी में भविष्य की बैठकों की योजना बनाई गई है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित उत्तरी क्षेत्र के राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा की गई।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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