Haryana

रोहतक: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की समस्याएं महत्वपूर्ण व संवेदनशील विषयः प्रो. अग्निहोत्री

फोटो कैप्शनः 21 आरटीके4:दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते मुख्यातिथि। --------

रोहतक, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की समस्याएं एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा है। इनके समाधान के लिए इस समस्या के मूल को समझना होगा। यह उद्गार हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला के निदेशक प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्वराज सदन में आयोजित विशेष विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।

एमडीयू की पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, लोक प्रशासन विभाग और रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में द प्रॉब्लम ऑफ माइनॉरिटीज इन बांग्लादेश विषय पर आयोजित इस विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम में प्रो. अग्निहोत्री ने बांग्लादेश व पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालातों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को भारत सरकार ने दुनिया के सामने लाया है। आज भारत की बदौलत दुनिया इस मुद्दे पर बोल रही है। इस मुद्दे को बड़े परिपेक्ष्य में समझने की जरूरत है, ऐसा उनका कहना था। उन्होंने इस दिशा में विश्वविद्यालयों में गहन विचार-मंथन एवं शोध कार्य पर बल देने की बात कही।

एमडीयू के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए. एस. मान ने अध्यक्षीय संबोधन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को दयनीय बताया। उन्होंने कहा कि वहां के अल्पसंख्यक धार्मिक असहिष्णुता, सामाजिक भेदभाव, जमीन और संपत्ति का हड़पना, मानवाधिकारों का उल्लंघन, शैक्षिक एवं आर्थिक असमानताएं आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का हाशिए पर होना आजादी के बाद से ही जारी है और अल्पसंख्यकों की लगातार घटती संख्या इस बात को पुख्ता करती है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में वहां की सरकार को कानूनों की ईमानदारी से पालना करनी होगी और यूएन एवं मानवाधिकार संगठनों को भी इस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। पीठ के निदेशक प्रो. सेवा सिंह दहिया ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और व्याख्यान की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। डॉ. विवेक बाल्यान ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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(Udaipur Kiran) / अनिल

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