रायपुर, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आज ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है। अब लखमा को 5 फरवरी को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेशी होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और सच्चाई जल्द ही सामने आएगी। लखमा को ईडी ने 15 जनवरी 2025 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके बेटे और करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी।
ईडी के छापे के बाद कवासी लखमा ने कहा था कि घोटाला हुआ है या फिर नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं अनपढ़ आदमी हूं, अधिकारी मुझे जहां साइन करने को कहते थे, मैं कर देता था। 3 और 9 जनवरी को भी लखमा से पूछताछ की गई थी। 21 जनवरी तक उन्हें रिमांड पर भेजा गया था और आज रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था।
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के घर पर छापामार कार्रवाई के बाद ईडी ने 2 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा था कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया।
ईडी का दावा है कि कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से जुड़े सबूत मिले हैं । इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।
उल्लेखनीय है कि शराब घोटाले की जांच में ईडी ने अब तक कई खुलासे किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर पैसों के लेन-देन और अनियमितताओं की बात सामने आई है। लखमा की गिरफ्तारी से इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा