Uttar Pradesh

मिल्कीपुर उपचुनाव : सपा-भाजपा के बीच मुख्य लड़ाई, कांग्रेस से भितरघात का खतरा

राजनीतिक प्रतिकात्मक

लखनऊ, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई बन गयी है। नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। कुल दस उम्मीदवार मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी को कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है। बसपा ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस कारण यह सीधा भाजपा और सपा के बीच लड़ाई हो गयी है। इन दोनों पार्टियों ने एक ही जाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया है। उधर सपा द्वारा दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के बाद कांग्रेस से भितरघात का भी खतरा मंडरा रहा है।

कांग्रेस ने इससे पूर्व हुए नौ सीटों के उपचुनाव में भी सपा का समर्थन करने के बावजूद अपनी सक्रियता नहीं दिखायी थी। उनके स्थानीय नेताओं ने भी प्रचार में अपनी ताकत नहीं झोंकी थी। उसके बाद सपा ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सपा ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है। इससे कांग्रेस नेताओं में भी नाराजगी है। हालांकि उपचुनाव की तिथि घोषित होने के बाद अजय राय पत्रकार वार्ता कर मिल्कीपुर विधानसभा में सपा के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं लेकिन सक्रियता को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

मिल्कीपुर में उम्मीदवारों और चुनाव निशान आवंटन को देखें तो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद को पार्टी का सिंबल साइकिल व भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान को कमल चुनाव निशान आवंटित हुआ है। मौलिक अधिकार पार्टी के रामनरेश चौधरी को आटो रिक्शा, राष्ट्रीय जनवादी पार्टी की सुनीता को आरी, आजाद समाज पार्टी के संतोष कुमार को केतली, अरविंद कुमार को हाथ गाड़ी, कंचनलता को द्वार घंटी, भोलानाथ को अंगूठी, वेदप्रकाश को फुटबाल खिलाड़ी व संजय पासी को कैमरा चुनाव निशान आवंटित हुआ है। चुनाव निशान आवंटन के साथ नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई।

मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में तीसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है। इस उपचुनाव में 26 वर्ष बाद दूसरी बार सपा-भाजपा के बीच मुख्य लड़ाई होने वाली है। मिल्कीपुर में पहला उपचुनाव 1998 में और दूसरा छह वर्ष बाद 2004 में हुआ था। तीसरा उपचुनाव अब 20 वर्ष बाद पांच फरवरी को होने जा रहा है। 1996 में समाजवादी पार्टी से मित्रसेन यादव मिल्कीपुर से विधायक चुने गए थे। 1998 में वह सपा से ही सांसद चुन लिए गए। उनके सांसद निर्वाचित होने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट रिक्त हो गई तो 1998 में पहला उपचुनाव हुआ था। इसमें समाजवादी पार्टी से रामचंद्र यादव और भाजपा से पूर्व विधायक बृजभूषण त्रिपाठी प्रत्याशी थे।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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