जयपुर, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने हिंदी विषय के लिए आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2023 के परिणाम में अनियमितता बरतने पर आरपीएससी और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में दी जा रही नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश अंजना चौधरी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हिंदी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए साल 2023 में भर्ती निकाली थी। लिखित परीक्षा के बाद आयोग ने मॉडल उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी, लेकिन बाद में अंतिम उत्तर कुंजी ही जारी नहीं की। वहीं भर्ती के 214 पदों के मुकाबले तीन गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने के बजाए 1612 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। जबकि नियमानुसार पदों के तीन गुणा से अधिक अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जा सकता। याचिका में यह भी कहा गया कि आयोग ने असफल अभ्यर्थियों के अंक भी सार्वजनिक नहीं किए। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अभ्यर्थियों के अंकों को सार्वजनिक नहीं करना भर्ती की पारदर्शिता पर संदेह उत्पन्न करता है। मॉडल उत्तर कुंजी और लिए गए साक्षात्कार के हिसाब से याचिकाकर्ताओं को अंतिम परीक्षा परिणाम की मुख्य सूची में स्थान मिलना चाहिए था, लेकिन आयोग की मनमर्जी से उन्हें चयन से वंचित कर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए नियुक्तियां को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है।
—————
(Udaipur Kiran)