Jammu & Kashmir

जीजीएम साइंस कालेज में भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर संगोष्ठी आयोजित

जीजीएम साइंस कालेज में भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर संगोष्ठी आयोजित, डॉ. अंबेडकर के विजन पर प्रकाश डाला

जम्मू, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति न्यास, जम्मू कश्मीर ने भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जीजीएम साइंस कॉलेज जम्मू में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का विषय था डॉ. भीमराव अंबेडकर का आधुनिक भारत के लिए विजन जिसमें गणमान्य व्यक्ति, विद्वान और नागरिक डॉ. बी.आर. अंबेडकर की स्थायी विरासत और भारत के लोकतंत्र की परिवर्तनकारी यात्रा पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए।

संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि सत शर्मा, भाजपा जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ने किया जबकि जम्मू पूर्व से विधायक युद्धवीर सेठी विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के आयोजन में प्रिंसिपल प्रो. रोमेश गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डॉ. नेहा शर्मा और सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकिंदर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्य भाषण भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री लाल सिंह आर्य ने दिया जिन्होंने भारत के लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और संवैधानिक सिद्धांतों में डॉ. अंबेडकर के आधारभूत योगदान पर जोर दिया।

अपने संबोधन में सत शर्मा ने 200 वर्षों के औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत के लचीलेपन और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए किए गए बलिदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे दूरदर्शी नेताओं की प्रशंसा की। शर्मा ने कहा डॉ. अंबेडकर के संविधान ने समानता और न्याय सुनिश्चित किया, जबकि जम्मू और कश्मीर के एकीकरण के लिए डॉ. मुखर्जी का बलिदान इतिहास की आधारशिला है। उन्होंने युवाओं से इन नेताओं से प्रेरणा लेने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान देने का आह्वान किया।

विधायक युद्धवीर सेठी ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आए बदलाव पर विस्तार से बात की। उन्होंने क्षेत्र की पिछली चुनौतियों पर चर्चा की जिसमें आर्थिक ठहराव, सीमित विकास और सामाजिक अलगाव शामिल हैं। सेठी ने कहा अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर के भारतीय संघ में पूर्ण एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है जिससे आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिला है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रोजगार में प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला और नागरिकों से जम्मू-कश्मीर को देश के लिए विकास का मॉडल बनाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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