नई दिल्ली, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी के एसपी से पूछा है कि वो ये बताएं कि क्या लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले के आरोपित आशीष मिश्रा ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने लखीमपुर खीरी के एसपी को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने पीड़ित पक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि याचिका केवल पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है। उन्होंने कहा कि जिस दिन के आरोप लगाए गए हैं उस दिन आशीष मिश्रा लोकसभा सचिवालय में थे। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष ऐसे आरोप लगाने का आदि हो गया है तब पीड़ित पक्ष की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गवाह का नाम सार्वजनिक होने की वजह से नहीं बताया जा रहा है। प्रशांत भूषण ने कहा कि वो गवाह की उस ऑडियो रिकार्डिंग को कोर्ट के सामने रखेंगे जिसमें उसे गवाही नहीं देने पर लालच देने की बात कही गई है। आशीष मिश्रा पर पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि आशीष गवाहों को धमका रहा है।
कोर्ट ने 27 नवंबर 2024 को आशीष मिश्रा को उस पर लगे आरोप को लेकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2024 को आशीष मिश्रा को सशर्त जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखनऊ में रहने की इजाजत दी थी लेकिन वह लखीमपुर खीरी नहीं जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना से जुड़े दूसरे केस में बंद चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दी थी जिन पर घटना के बाद पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार ने किसी भी तरह से ट्रायल को प्रभावित करने की कोशिश की तो जमानत रद्द कर दी जाएगी। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाकर 3 जनवरी 2022 को लखीमपुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार