कानपुर, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह सोमवार को शिवराजपुर सीएचसी का मुआयना करने पहुंचे। इस दौरान वहां पर तीन डॉक्टर और स्टाफ नर्स समेत कई कर्मचारी अनुपस्थित पाए गये। स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद मरीजों की भीड़ देखकर उन्होंने हाजिरी रजिस्टर भी जांचा। जिसमे अनुपस्थित रहने के बावजूद कर्मचारियों के हस्ताक्षर दिखे। जिस पर उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्देशित काम नहीं तो वेतन नहीं की तर्ज पर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह पद ग्रहण करने के बाद से लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शिवराजपुर स्थित सामुदायिक चिकित्सा केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ देखी तो इसका कारण पूछा तो मालूम पड़ा की ओपीडी में चार डॉक्टरों की तैनाती है। जिसमें केवल एक ही डॉक्टर पूरी ओपीडी को संभाले हुए है। इसके बाद उन्होंने जब हाजिरी रजिस्टर जांचा तो उसमें तीन डॉक्टर समेत कई स्टाफ नर्सें भी नदारत दिखाई दिए। यही नहीं कुछ कर्मचारी तो ऐसे भी मिले। जिनकी रजिस्टर में हाजिरी तो है लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं थे। इससे यह अनुमान लगाया गया कि कर्मचारी रजिस्टर में अगले दिन की हाजिरी लगाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते ही नहीं हैं।
इस पर उन्होंने कहा कि शासन लगातार आम लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य देने के उद्देश्य से सामुदायिक केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों में बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं करवा रहा है। तो वहीं इन स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद डॉक्टर और कर्मचारियों के इस रवैया से आम जनमानस काफी परेशान है। शासन के आदेशानुसार काम नहीं तो वेतन नहीं की तर्ज पर सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap