Jammu & Kashmir

शिवसेना की कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित घर वापसी की मांग

जम्मू 19 जनवरी (Udaipur Kiran) । पिछले साढ़े तीन दर्शकों से कश्मीरी हिन्दुओं को अपने ही देश व राज्य में विस्थापितों का जीवन जीने के लिए मजबूर होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हितैषी होने का दावा भरने वाली सरकारों ने जमकर सियासी रोटियां सेंकी, बालीवुड ने फिल्में बना अपनी तिजोरियां भरी मगर कश्मीरी हिन्दुओं की सुरक्षित घर वापसी संभव नहीं बन पाई यह कहना है शिवसेना जम्मू-कश्मीर ईकाई प्रमुख मनीश साहनी का ।

पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी नेकहा कहा कि 19 जनवरी 1990 को कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर घाटी से अपना घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। कश्मीर घाटी के इस दौर के हालातों को याद कर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

साहनी ने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं के हितैषी होने व कश्मीर के हालातों में सुधार का दावा करने वाली भाजपा के केन्द्र में 11 सालों के शासनकाल के दौरान भी कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी संभव नहीं बन पाई। पिछले 35 सालों से कश्मीरी हिन्दुओं को अपने ही देश व राज्य में विस्थापितों का जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। साहनी ने केंद्र की मोदी व जम्मू.कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित घाटी वापसी के वादों को पूरा करने की मांग की गई।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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