Jammu & Kashmir

एनओपीआरयूएफ सम्मेलन में पुरानी पेंशन योजना की तत्काल बहाली का आह्वान किया

एनओपीआरयूएफ सम्मेलन में पुरानी पेंशन योजना की तत्काल बहाली का आह्वान किया

जम्मू, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (एनओपीआरयूएफ) ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की तत्काल बहाली की वकालत करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय के ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह ऑडिटोरियम में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों और प्रमुख ट्रेड यूनियन नेताओं ने इसमें भाग लिया। इस कार्यक्रम में सेवानिवृत्त लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा और सम्मान के लिए दृढ़ संकल्पित आवाज़ उठाई। सम्मेलन की अध्यक्षता एनओपीआरयूएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.पी. सिंह रावत ने की, जिसमें जेकेएडीसीएस (मंत्रिस्तरीय संघ) के अध्यक्ष और एनओपीआरयूएफ जेएंडके के मुख्य प्रवक्ता जिलानी नाइक, एनओपीआरयूएफ राजस्थान के अध्यक्ष साजन सिंह और एनओपीआरयूएफ तेलंगाना के अध्यक्ष रघुनंदन सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

अपने मुख्य भाषण में, रावत ने स्थिर और सम्मानजनक सेवानिवृत्ति सुनिश्चित करने में ओपीएस की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा ओपीएस ऐतिहासिक रूप से सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा की रीढ़ रही है जबकि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) सेवानिवृत्त लोगों को बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बनाती है। ओपीएस को बहाल करना केवल वित्तीय आवश्यकता नहीं है बल्कि उन लोगों के लिए नैतिक दायित्व है जो अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित करते हैं। एनओपीआरयूएफ जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने आंदोलन को मजबूत करने के लिए जम्मू-कश्मीर में सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। एनपीएस कर्मचारियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा ओपीएस की बहाली व्यक्तिगत हितों से परे है और नीति निर्माताओं को कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करने के लिए एकजुट मोर्चे की आवश्यकता है।

इन भावनाओं को दोहराते हुए जिलानी नाइक ने प्रधान मंत्री से ओपीएस को बहाल करके सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांतों के साथ जुड़ने की अपील की। ​​उन्होंने पार्टी के घोषणापत्र में ओपीएस बहाली को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री की भी सराहना की जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि कर्मचारी कल्याण जम्मू-कश्मीर के विकास का अभिन्न अंग है। सम्मेलन का समापन आंदोलन को और तेज़ करने की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सामाजिक न्याय और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ओपीएस की बहाली ज़रूरी है।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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