नई दिल्ली, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) भारतीय पौराणिक कथाओं के सबसे प्रतिष्ठित पात्रों में से एक, कर्ण की कहानी एक नए रूप में भारत रंग महोत्सव में देखने को मिलेगी। फरवरी में आयोजित होने वाले 24वें भारत रंग महोत्सव (भारंगम) में महाभारत में कर्ण की कहानी का रोचक मंचन ताइवानी कलाकार करेंगे। यह नाटक चीनी और अंग्रेजी भाषा में होगा। भारतीय मूल के एक प्रमुख ताइवानी थिएटर कलाकार चोंगथम जयंत मीतेई कर्ण नाटक का निर्देशन कर रही हैं। चोंगथम जयंत द्वारा निर्देशित कर्ण नामक इस नाटक मंचन 2023 में ताइवान ओपेरा महोत्सव में पहल बार किया गया था जिसे दर्शकों ने खूब सराहा गया था। अब कर्ण नाटक के माध्यम से ताइवान की कलात्मक विरासत और भारत की कथा कहने की कला का अदभुत संगम का अनुभव करने का मौका भारंगम में दर्शकों को मिलेगा।
कर्ण नाट्य प्रस्तुति 11 फरवरी को नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में और 13 फरवरी को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में होगी। इस नाटक में पारंपरिक भारतीय कथाओं को समकालीन नाट्य तत्वों और चीनी ओपेरा की भव्यता के साथ मिश्रित किया गया है।
कर्ण नाटक में अभिनय करने वाले कलाकारों में ताइवान के चाओ ह्सिन और चेन कुआन-तिएन के साथ-साथ भारतीय कलाकार मोहम्मद शाहनवाज, मेधा ऐच और सायन सरकार शामिल हैं। इस नाट्य में प्रसिद्ध संगीतकार सुनीत कुमार बोरा और भास्कर ज्योति कोंवर ने संगीत दिया है।
नई दिल्ली में ताइवान के डिफेक्टो दूतावास के रूप में कार्य कर रहे ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) के उप प्रतिनिधि रॉबर्ट एचएसआईईएच ब्रो-हुई ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि नाट्य प्रस्तुति कर्ण सिर्फ एक नाटक होने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह नाटक ताइवान और भारत के बीच सांस्कृतिक पुल के तौर पर दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत करने का काम भी करेगा। उन्होंने कहा कि महाभारत के महत्वपूर्ण पात्र कर्ण की कथा कई बार कही और मंचित की गई है लेकिन ताइवानी कलाकार द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली पारंपरिक कला के साथ आधुनिक तकनीकों के संगम का अनूठा उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि ताइवानी कलाकारों का भारत के लोगों के लिए एक मीठा उपहार है कर्ण का मंचन, उम्मीद है लोग इसे खूब पसंद करेंगे।
टीईसीसी की सहायक प्रतिनिधि लिसिन पी.एच लिन ने उम्मीद जताई कि कर्ण नई दिल्ली और जयपुर में लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगी। यह प्रस्तुति भारत और ताइवान के बीच एक अद्वितीय कलात्मक सहयोग का प्रतिनिधित्व करती है। कर्ण नाटक के कलाकार महाकाव्य महाभारत की कथा को एक अनूठी और विविध परंपराओं के अभिनय को एक मंच पर ला कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि नाट्य प्रस्तुति कर्ण को वार्षिक 24वें भारत रंग महोत्सव के भव्य समापन नाटक के रूप में मंचित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित आयोजन के मुख्य आकर्षण के रूप में, कर्ण भारतीय और ताइवानी कलात्मकता के अपने असाधारण संगम के साथ महोत्सव का समापन करेगा।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी