– प्रधानमंत्री के वर्चुअल कार्यक्रम का हुआ प्रसारण
मीरजापुर, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । स्वामित्व योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से देशभर के 65 लाख लाभार्थियों को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किए। मीरजापुर के सिटी क्लब में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने 771 ग्रामों के 29,083 लोगों को घरौनी प्रदान की। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
स्थानीय स्तर पर सिटी क्लब में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और अन्य जनप्रतिनिधियों ने लाभार्थियों को घरौनी सौंपी। एमएलसी श्याम नारायण सिंह ने कहा कि यह योजना ग्रामीण आबादी को मालिकाना हक देकर उन्हें सशक्त बना रही है। जमीन के स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए यह ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा।
नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गरीबों और जरूरतमंदों का सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि ये सरकारें हर नागरिक को परिवार का सदस्य मानती हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना राम राज्य की अवधारणा को साकार करती है।
मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी ने योजना को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि घरौनी वितरण से न केवल जमीन के विवाद खत्म होंगे, बल्कि ग्रामीण बैंक से ऋण लेकर अपने व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर जमीन के स्वामित्व को लेकर कागजात नहीं होने से विवाद होते थे। स्वामित्व योजना से यह समस्या खत्म हो रही है। जनपद मीरजापुर में 771 ग्रामों में 29,083 घरौनी वितरित की गई हैं, और शेष पात्र लाभार्थियों को जल्द ही योजना का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर विधायक छानबे रिंकी कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया, और अन्य प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे।
घरौनी वितरण का लाभ
सदर तहसील: 220 ग्रामों के 8,661 लाभार्थी।
चुनार तहसील: 199 ग्रामों के 13,809 लाभार्थी।
लालगंज तहसील: 215 ग्रामों के 3,200 लाभार्थी।
मड़िहान तहसील: 137 ग्रामों के 3,413 लाभार्थी।
योजना के लाभ
ग्रामीणों को भूमि पर मालिकाना हक मिलेगा।
घरौनी से भूमि विवाद खत्म होंगे।
लाभार्थी बैंक से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।
ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा