शिमला, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कांगड़ा जिले में मुख्यमंत्री के लंबे प्रवास का स्वागत करते हुए धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री का पूर्ण स्वागत नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
शांता कुमार ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि हिमाचल सरकार के मात्र 30 करोड़ रुपये जारी न करने के कारण धर्मशाला परिसर का काम रुका हुआ है जबकि देहरा परिसर के लिए पैसा जारी कर दिया गया और वहां निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने धर्मशाला और देहरा में दो परिसरों के लिए धन स्वीकृत किया था। देहरा परिसर पर काम तेजी से चल रहा है लेकिन धर्मशाला परिसर के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 30 करोड़ रुपये न देने के कारण 300 करोड़ रुपये का केंद्रीय धन भी बेकार पड़ा है।
15 वर्षों से अधूरा काम हिमाचल की बड़ी विफलता
शांता कुमार ने कहा कि 15 साल पहले हिमाचल को केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला था, लेकिन प्रदेश के नेताओं के आपसी मतभेदों के कारण धर्मशाला परिसर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने इस संबंध में कहा कि पूरे भारत में ऐसा कोई दूसरा प्रदेश नहीं है जो इतनी बड़ी विफलता दिखाए। उन्होंने कहा कि धर्मशाला की जनता ने लंबे समय तक इस परिसर के लिए संघर्ष किया है। नेताओं ने कई बार इस मुद्दे को उठाया लेकिन जनता अब निराश और हताश हो चुकी है।
शांता कुमार ने कांगड़ा जिले के साथ हो रहे अन्याय की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अपने प्रवास के दौरान धर्मशाला परिसर के लिए 30 करोड़ रुपये देने की घोषणा करें और शीघ्र शिलान्यास कराएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी मैं अधूरा स्वागत कर रहा हूं लेकिन उनका पूरा स्वागत तब करूंगा जब वे धर्मशाला परिसर के लिए 30 करोड़ रुपये देने की घोषणा करेंगे।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला