हिसार, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि किसान अपने उत्पादों का प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन तथा विपणन करके अधिक लाभ कमा सकते हैं। विश्वविद्यालय निरंतर किसानों, महिलाओं, युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण एवं कृषि मेले आयोजित कर रहा है, जिसमें फसलों व दूध के मूल्य संवर्धन सहित बागवानी, समन्वित खेती, फसल विविधिकरण आदि के बारे में लगातार जानकारी दी जाती है। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, सदलपुर में कृषि मेला व स्वरोजगार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में जिले के 80 गांवों के लगभग 700 किसानों, महिलाओं व युवा उद्यमियों ने भाग लिया। उन्होंने फार्मर प्रोड्यूजर ओर्गेनाइजेशन के तौर पर समूह बनाकर काम करने, जिसमें शुद्ध अनाज, सब्जी, फल तैयार करके अधिक उत्पादन लेने के लिए किसानों को जागरूक किया। यहां से प्रशिक्षण हासिल कर प्रशिक्षणार्थियों स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता मिलती है। किसानों को बदलते दौर के साथ अपने उपकरणों, क्रियाओं व प्रबंधन में परिवर्तन करने की जरूरत है। कुलपति ने युवा व महिला प्रशिक्षणार्थियों को कटाई, सिलाई, बेकरी, फल परीक्षण, दुग्ध उत्पादन, नर्सरी की स्वरोजगार सहायता राशि का समान भी वितरित किया। मेले में कृषि विभाग, बागवानी विभाग, पशुपालन विभाग, स्वयं सहायता समूह, धानुका, इफको, आईपीएल, मून ग्रोव, एफ़पीओ, पैक्स ने अपनी प्रदर्शनी भी लगाई।विस्तार शिक्षा निदेशक बलवान सिंह मंडल ने कहा कि किसान विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों से तकनीकी जानकारी लेकर सीमित क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की शुरुआत कर सकते हैं। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव ने किसानों की प्रमुख फसलों की समस्या मर्गोजा, तना गलन, खरपतवार आदि का वैज्ञानिक समाधान बताया। छात्र कल्याण निदेशक डॉ. एमएमल खीचड़ ने भी अपने विचार रखे वहीं केंद्र के कोर्डिनेटर डॉ. नरेंद्र कुमार ने केंद्र की कार्य योजना की प्रस्तुति दी।इस अवसर पर डॉ. ओपी बिश्नोई, डॉ. बृजलाल, डॉ. सुनील गोयल, डॉ. राजेश, डॉ. कुलदीप, डॉ. पंकज, डॉ. हेमेंद्र, डॉ. युगविंदर, डॉ. अभय, डॉ. सुरेंद्र जाजूदा, डॉ. अजय ने अपने अपने विभागों के अलावा सरसों, चना, गेहूं, बरसीम आदि फसलों की विस्तृत जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर